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एक चिट्ठी प्यार भरी

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सूरज आसमान में सैर करत रोज आता धरती को निहारता, निरखता, कभी कोमल किरणों से सहलाता, कभी आँखें तरेर कर डराता। धरती भी रोज उसके आने की बाट जोहती रहती, जैसे ही वह आता धरती जी उठती जैसे नींद से जाग गई ...

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लेखक के बारे में
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Bandana Pandey

मैं डॉ. बन्दना पाण्डेय झारखंड देवघर से। कहानियों को पढ़ना और उन्हें महसूस करना अच्छा लगता है। परंतु कहानी गढ़ने की लालसा से फेसबुक के विभिन्न साहित्यिक समूहों से जोड़ दिया । मूलत: मैं लेखन से अपनी अनुभूतियों को ही शब्द देती हूँ। सच कहूँ तो जब भी मैं अपने आस पास बिखरी कहानियों को शब्द देने का प्रयास करती हूँ मुझे आत्मसंतोष होता है। मैं लेखिका या कवयित्री नहीं बस अनुभूतियों को शब्द देने का एक लघु प्रयास मुझे आत्मसंतोष देता है। चुनकर भावनाओं के मोती अहसास के धागे से गूंथकर अनुभूतियों की माला पिरोती हूँ मन के कोरे कागज पर जीवन की किताब लिखती हूँ।

समीक्षा
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  • author
    अर्चना शर्मा
    28 जुलाई 2020
    अति सुंदर लेखबहुत सुंदर प्रकृति का वर्णन किया है आपने है 👌👌🙏🙏
  • author
    28 जुलाई 2020
    बेहतरीन पेशकश मेरी रचनाए भी पढ़े और आप की महत्वपूर्ण टिप्पणी करे शुक्रिया
  • author
    Shashilata Pandey
    29 जुलाई 2020
    प्रभावी शैली उत्तमलेखन बहुत-बहुत बधाई आपको!
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    अर्चना शर्मा
    28 जुलाई 2020
    अति सुंदर लेखबहुत सुंदर प्रकृति का वर्णन किया है आपने है 👌👌🙏🙏
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    28 जुलाई 2020
    बेहतरीन पेशकश मेरी रचनाए भी पढ़े और आप की महत्वपूर्ण टिप्पणी करे शुक्रिया
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    Shashilata Pandey
    29 जुलाई 2020
    प्रभावी शैली उत्तमलेखन बहुत-बहुत बधाई आपको!