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एक बुढा और उसकी पत्नी

3.5
48011

एक बूढ़े को जब पूछा गया कि वह क्यूँ इस हिरनी को साथ लेकर जगह जगह घूमता रहता है तब उसने अपना वृतांत कुछ एसे बताया ---- यह हिरनी मेरी पत्नी है। जब यह बारह वर्ष की थी तो इसके साथ मेरा विवाह हुआ। यह ...

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अज्ञात
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sunny Kansykar "Ak"
    12 सितम्बर 2018
    अरे अग्यात ! तु कहानी लिखा ही मत कर कुछ मत लिख।।
  • author
    Davinder Kumar
    12 जुलाई 2020
    क्या लिखा है आपने कभी अपना लिखा पढ़ भी लिया करो
  • author
    Prabhashankar Maurya
    10 मार्च 2020
    ये कहानी नहीँ कही जासकती ,इसमें कथावस्तु का ताल मेल नहीं है, न सामाजिक ,न यथार्तवाद ,न तिलस्मी, न जासूसी, न मनोवैज्ञानिक, न नारिचेतना , भाषा शैली का आभाव, संक्षेप में कहानी में भाव पक्ष -कलापक्ष दोनो का अभाव है इसलिए मैं एक पाठक के हैसियत से इसे अ कहानी मानता हूं - धन्यवाद ।
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    Sunny Kansykar "Ak"
    12 सितम्बर 2018
    अरे अग्यात ! तु कहानी लिखा ही मत कर कुछ मत लिख।।
  • author
    Davinder Kumar
    12 जुलाई 2020
    क्या लिखा है आपने कभी अपना लिखा पढ़ भी लिया करो
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    Prabhashankar Maurya
    10 मार्च 2020
    ये कहानी नहीँ कही जासकती ,इसमें कथावस्तु का ताल मेल नहीं है, न सामाजिक ,न यथार्तवाद ,न तिलस्मी, न जासूसी, न मनोवैज्ञानिक, न नारिचेतना , भाषा शैली का आभाव, संक्षेप में कहानी में भाव पक्ष -कलापक्ष दोनो का अभाव है इसलिए मैं एक पाठक के हैसियत से इसे अ कहानी मानता हूं - धन्यवाद ।