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एक औरत को आखिर क्या चाहिए होता है?

4.6
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राजा हर्षवर्धन युद्ध में हार गए। हथकड़ियों में जीते हुए पड़ोसी राजा के सम्मुख पेश किए गए। पड़ोसी देश का राजा अपनी जीत से प्रसन्न था और उसने हर्षवर्धन के सम्मुख एक प्रस्ताव रखा... यदि तुम एक प्रश्न ...

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लेखक के बारे में
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मधुलक शर्मा
समीक्षा
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  • author
    Diya
    24 এপ্রিল 2018
    शहरों और पढ़ी लिखी महिलाओं का जीवन गांव देहात की कम पढ़ी लिखी या घरेलू ककम काजी,कृषि,मजदूर वर्ग की बेटियां ओर बहुएं उनका जीवन और निर्यण लेना 1%भी उनके हाथ मे होता है। घर परिवार,पैसे और बाकी घर गृहस्थी के निर्णय लेने में उनकी भागीदारी अच्छी खासी होती परंतु उनके स्वयं से जुड़े निर्णय पर उनके हाथ मे कुछ नहीं था। उसका पति और ससुर चाहते है वो होता है।घूंघट उठाना बदनामी अपनी मर्ज़ी से साड़ी या सलवार सूट या अन्य वस्त्र नहीं पहन सकती।बिना आज्ञा के गांव या मायके नहीं जा सकती है।पति चाहे उतने दिन अपने मायके रुक सकती है। आगे पढ़ना या नोकरी या कोनसी नोकरी करनी है यह सब फैसले पति और ससुर द्वारा लिए जाते है।गाँवो के यही हालत है।कुछ बदल रहे है पर दर बहुत धीमी है।और घुघट ,मायके,वस्त्र,जोर से बोलना हँसना,पुरुष सदस्यों को हँसने ,बोलने की आवाज सुनाई देना ,बाहर जाना यह सब इज्जत से जोड़कर देखे जाते है परिवार की।
  • author
    S Soni
    07 জুন 2017
    यह एक उधार ली गई कहानी है । मिस्टर लैंस लाॅट की जो एक योद्धा थे। आपको इसका मूल आधार बताना चाहिए था।अगर कथा मौलिक नहीं है तो आपको इसे स्पष्ट करना चाहिए। यह आपकी छवि के लिए आवश्यक है। कई बडे लेखक भी बात को दोहराते हैं पर ईमानदारी के साथ। आपका प्रयास अच्छा है।
  • author
    17 অগাস্ট 2022
    🙏✍️🌺💘🛐🛐🇧🇴🇧🇴🤣🤣😇🇧🇴🛐💘🌺🌺✍️✍️🙏🙏🙏
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    Diya
    24 এপ্রিল 2018
    शहरों और पढ़ी लिखी महिलाओं का जीवन गांव देहात की कम पढ़ी लिखी या घरेलू ककम काजी,कृषि,मजदूर वर्ग की बेटियां ओर बहुएं उनका जीवन और निर्यण लेना 1%भी उनके हाथ मे होता है। घर परिवार,पैसे और बाकी घर गृहस्थी के निर्णय लेने में उनकी भागीदारी अच्छी खासी होती परंतु उनके स्वयं से जुड़े निर्णय पर उनके हाथ मे कुछ नहीं था। उसका पति और ससुर चाहते है वो होता है।घूंघट उठाना बदनामी अपनी मर्ज़ी से साड़ी या सलवार सूट या अन्य वस्त्र नहीं पहन सकती।बिना आज्ञा के गांव या मायके नहीं जा सकती है।पति चाहे उतने दिन अपने मायके रुक सकती है। आगे पढ़ना या नोकरी या कोनसी नोकरी करनी है यह सब फैसले पति और ससुर द्वारा लिए जाते है।गाँवो के यही हालत है।कुछ बदल रहे है पर दर बहुत धीमी है।और घुघट ,मायके,वस्त्र,जोर से बोलना हँसना,पुरुष सदस्यों को हँसने ,बोलने की आवाज सुनाई देना ,बाहर जाना यह सब इज्जत से जोड़कर देखे जाते है परिवार की।
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    S Soni
    07 জুন 2017
    यह एक उधार ली गई कहानी है । मिस्टर लैंस लाॅट की जो एक योद्धा थे। आपको इसका मूल आधार बताना चाहिए था।अगर कथा मौलिक नहीं है तो आपको इसे स्पष्ट करना चाहिए। यह आपकी छवि के लिए आवश्यक है। कई बडे लेखक भी बात को दोहराते हैं पर ईमानदारी के साथ। आपका प्रयास अच्छा है।
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    17 অগাস্ট 2022
    🙏✍️🌺💘🛐🛐🇧🇴🇧🇴🤣🤣😇🇧🇴🛐💘🌺🌺✍️✍️🙏🙏🙏