एक औरत की कमी तब अखरती है। जब वो चली जाती है और लौटती नहीं, छत पर लगे जाले व दीवार की धूल हटाने में संकोच आता है। " तुम्हारी सफाई" कहने का मौका नहीं मिल पाता है l एक औरत की कमी तब अखरती है जब ...
एक औरत की कमी तब अखरती है। जब वो चली जाती है और लौटती नहीं, छत पर लगे जाले व दीवार की धूल हटाने में संकोच आता है। " तुम्हारी सफाई" कहने का मौका नहीं मिल पाता है l एक औरत की कमी तब अखरती है जब ...