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एक अलग एहसास होता है,इस वक्त घरों पर

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एक अलग एहसास होता है,इस वक्त घरो पर ! जो रखते थे बंद दरवाजा,आज खड़ा है खिड़कियों पर ! जो गए नहीं कभी घर,आज तरस रहे हैं ना जाने पर ! ये पेड़-पौधे पशु-पक्षी,आज हंस रहे देख इंसानों पर ! एक अलग सा ...

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Saurabh Verma
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    30 এপ্রিল 2021
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