दीदू ...... i miss u .. 2009 कितना अजीब year था , अचानक ही नये चेहरो से मुलाकात करा दी थी , इस वक्त ने शायद तब umeed भी नहीं थी की इस तरह सबके अपने बन जाएंगे .. पहेलि मुलाकात मे तो आप अंजान ...
किताबें मेरी हमसफ़र रही ये सच है, पर उस हमसफ़र की ये कलम भी हमराही हो गई है, अक्सर मेरी कलम मेरे ख्यालों से होकर मेरी जिंदगी का सफर तय कर देती है,
मै मौन हूं
मेरी कलम बोलती है
कनपुरिया हूं
इसलिए कभी इठलाती है
कभी झकझोरती है
कभी जीवन को सजाती रंगीन रंगो से।
सारांश
किताबें मेरी हमसफ़र रही ये सच है, पर उस हमसफ़र की ये कलम भी हमराही हो गई है, अक्सर मेरी कलम मेरे ख्यालों से होकर मेरी जिंदगी का सफर तय कर देती है,
मै मौन हूं
मेरी कलम बोलती है
कनपुरिया हूं
इसलिए कभी इठलाती है
कभी झकझोरती है
कभी जीवन को सजाती रंगीन रंगो से।
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या