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एक अजनबी बहेन जैसी।

3.8
246

दीदू ...... i miss u ..   2009 कितना अजीब year था , अचानक ही नये चेहरो से मुलाकात करा दी थी , इस वक्त ने शायद तब umeed भी नहीं थी की इस तरह सबके अपने बन जाएंगे ..    पहेलि  मुलाकात मे तो आप अंजान ...

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लेखक के बारे में

किताबें मेरी हमसफ़र रही ये सच है, पर उस हमसफ़र की ये कलम भी हमराही हो गई है, अक्सर मेरी कलम मेरे ख्यालों से होकर मेरी जिंदगी का सफर तय कर देती है, मै मौन हूं मेरी कलम बोलती है कनपुरिया हूं इसलिए कभी इठलाती है कभी झकझोरती है कभी जीवन को सजाती रंगीन रंगो से।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Santosh Kumar Rajpoot
    09 अक्टूबर 2020
    𝓱𝓪𝓻𝓽 𝓽𝓸𝓾𝓬𝓱𝓲𝓷𝓰.....
  • author
    Nadeem Sharafat
    02 सितम्बर 2020
    badhiya shaandaar 👌💐👍
  • author
    मंदाकिनी "नंदा"
    07 जुलाई 2023
    बहुत बढ़िया प्रस्तुति आपकी 👌
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    Santosh Kumar Rajpoot
    09 अक्टूबर 2020
    𝓱𝓪𝓻𝓽 𝓽𝓸𝓾𝓬𝓱𝓲𝓷𝓰.....
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    Nadeem Sharafat
    02 सितम्बर 2020
    badhiya shaandaar 👌💐👍
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    मंदाकिनी "नंदा"
    07 जुलाई 2023
    बहुत बढ़िया प्रस्तुति आपकी 👌