pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

ईनाम

5
79

बाहर बारिश की छप छप और बादलों की गड़गड़ाहट जारी थी।कभी कभी बिजली भी एक जोर की दहाड़ के साथ अपनी हाजरी लगा देती। सरिता फटाफट काम निपटाने की कोशिश कर रही थी।सुबह के दस बजने वाले थे और सरिता अब तक ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
भारती भानु

बिखरना है शब्दों में खुशबू बनकर घुल जाऊंगी हवाओं में कहानी बनकर ❤️❤️❤️❤️❤️ न मुझे मनमंदिर में बसाना न दिल आँगन में छुपाना न नाम से, न सूरत पर मेरे शब्दों को ही मेरी पहचान बनाना सृजन संवाद https://srijan.live/members/bhartibhanu/

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kavita Devi
    16 જુલાઈ 2020
    best and cute creation mam
  • author
    एंजेल ओम
    16 જુલાઈ 2020
    bahut khub
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kavita Devi
    16 જુલાઈ 2020
    best and cute creation mam
  • author
    एंजेल ओम
    16 જુલાઈ 2020
    bahut khub