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।। पाप कमाई करने वाला, कब जग शुभ गति जग पाता है ।।

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पाप कमाई करने वाला, कब शुभ गति जग पाता है । सोच सोच दुष्कर्म किया जो, वह केवल पछताता है ।।                    पाप कमाई करने वाला ,,,,,,,,,,, भाग्य साथ ना देता उसका, जो प्रभुता पा न्याय तजे । ...

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लेखक के बारे में
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Shambhunath Shukla
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    20 नवम्बर 2024
    उम्दा सराहनीय भावाभिव्यक्ति आपकी मित्र,,,, पाप कमाई करने वाला कब शुभ गति को पाता है,,,, बेहतरीन लाजवाब लाजवाब लिखा है🌷🌷👍👍
  • author
    Jyoti Bala Shrivastava
    20 नवम्बर 2024
    इंसानियत धर्म निभाने वाला सच्चा कर्मयोगी ही जीवन में सुखी रहता है । सार्थक संदेश देती , बहुत ही बेहतरीन रचना है आपकी 🌹👌🌹
  • author
    20 नवम्बर 2024
    बहुत सुंदर और सार्थक विवेचना की है आपने.. उम्दा पेशकश आपकी 🙏
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    20 नवम्बर 2024
    उम्दा सराहनीय भावाभिव्यक्ति आपकी मित्र,,,, पाप कमाई करने वाला कब शुभ गति को पाता है,,,, बेहतरीन लाजवाब लाजवाब लिखा है🌷🌷👍👍
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    Jyoti Bala Shrivastava
    20 नवम्बर 2024
    इंसानियत धर्म निभाने वाला सच्चा कर्मयोगी ही जीवन में सुखी रहता है । सार्थक संदेश देती , बहुत ही बेहतरीन रचना है आपकी 🌹👌🌹
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    20 नवम्बर 2024
    बहुत सुंदर और सार्थक विवेचना की है आपने.. उम्दा पेशकश आपकी 🙏