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दुर्गा स्तुति प्रार्थना

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चमन मत समझो लियाकत , का यह होता मान है। लाज अपने नाम की वह रख रहा भगवान  है। जय गणेश  जय गणपति,पार्वती  सुकुमार। विघ्न  हरण मंगल करण,ऋद्धि, सिद्द दातार। कवियो के मानुष,विमल,शोभा सुखद  ललाम चमन करे ...