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दम लबों पर था दिलेज़ार के घबराने से

4.2
2279

दम लबों पर था दिलेज़ार के घबराने से आ गई है जाँ में जाँ आपके आ जाने से तेरा कूचा न छूटेगा तेरे दीवाने से उस को काबे से न मतलब है न बुतख़ाने से शेख़ नाफ़ह्म हैं करते जो नहीं क़द्र उसकी दिल फ़रिश्तों ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : अकबर हुस्सैन रिज़वी उपनाम : अकबर अलाहाबादी जन्म : 16 नवंबर 1846 देहावसान: 15 फरवरी 1921 भाषा : उर्दू विधाएँ : ग़ज़ल, शायरी अकबर अलाहाबादी उर्दू व्यंग्य के अग्रणी रचनाकारों में से एक हैं, इनके काफी शेरों एवम ग़ज़लों में सामाजिक दर्द को सरल भाषा में हास्यपूर्क ढंग से उकेरा गया है। "हंगामा है क्यूं बरपा" इनकी मशहूर ग़ज़लों में से एक है

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Harshvardhan Rathod
    18 ਨਵੰਬਰ 2021
    उमदा
  • author
    Tisha Aggarwal
    06 ਜੁਲਾਈ 2020
    बेहतरीन।👌
  • author
    Prem Prakash
    06 ਜਨਵਰੀ 2019
    बहुत अच्छे
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    Harshvardhan Rathod
    18 ਨਵੰਬਰ 2021
    उमदा
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    Tisha Aggarwal
    06 ਜੁਲਾਈ 2020
    बेहतरीन।👌
  • author
    Prem Prakash
    06 ਜਨਵਰੀ 2019
    बहुत अच्छे