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" दुकान "

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""अपने गमों की दुकान मुझे दे दे किराए पे! तेरे लिए मैंने खुशियों के बाजार लगा रखे हैं"!! ...

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लेखक के बारे में
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Vishnu Jaipuria

शब्दों के समंदर में मेरी एक छोटी सी नाव है, जाना तो उस पार है, ये कलम ही मेरी पतवार है।

समीक्षा
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    Saral Pathak "Saral"
    06 जुलाई 2025
    bahut behtrin 😃
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    Saral Pathak "Saral"
    06 जुलाई 2025
    bahut behtrin 😃