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दूधिया बादल "

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तुम मुस्कुराओ तो "कोई बात बने"""""" पास आओ तो "कोई बात बने""""""""   दूर पर्वत पर दूधिया बादल """""    झुककर  पर्वत को प्यार करते हैं"""""" हम दूर कहीं गलियों में """"" तेरा इंतजार करते ...

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लेखक के बारे में

मेरा लिखा पढने के लिऐ ,आपके अंदर जिजविषा और धैर्य जरूरी है""! मेरा लेखन ,आप शायद नही समझ पाये ,क्योकि उसमे "श्रमता और मष्तिक परिपक्व होना चाहिए ""😂🙏 लेखन मेरा जीवन है,अनभूति मेरा मार्ग "" लक्ष्य है शिखर मेरा, आप सबका साथ"""" लेखक हूं दिजिए बस इतना अनुदान" पढिऐ शब्दों को मेरे,बस इतना सम्मान !!🙏

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr. Ish K. Arora
    02 अक्टूबर 2020
    रीमा जी, बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने। जवानी में होने वाले तमाम एहसास जैसेकि इन्तज़ार, बेकरारी, मिलन की तड़प और सबसे बढ़कर बचपन की ललक सब कुछ है इसमे।
  • author
    Vishnu Jaipuria "Vishu"
    02 अक्टूबर 2020
    माशाअल्लाह क्या खूब लिखा है
  • author
    महेश समीर
    02 अक्टूबर 2020
    बहुत बढ़िया
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    Dr. Ish K. Arora
    02 अक्टूबर 2020
    रीमा जी, बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने। जवानी में होने वाले तमाम एहसास जैसेकि इन्तज़ार, बेकरारी, मिलन की तड़प और सबसे बढ़कर बचपन की ललक सब कुछ है इसमे।
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    Vishnu Jaipuria "Vishu"
    02 अक्टूबर 2020
    माशाअल्लाह क्या खूब लिखा है
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    महेश समीर
    02 अक्टूबर 2020
    बहुत बढ़िया