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दोस्त का नाम दोस्त ही था

4.8
926

एक कोई शहर था ,बड़ा ही खूबसूरत सा याद शहर नाम का। मेरे ख्वाबों के शहर से बहुत दूर था वो। वहां तक जाने में पूरी एक नींद लग जाती थी । जहाँ आँख खुलती वही वो शहर होता। याद शहर। वहां मैं कई साल तक यादे ...

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लेखक के बारे में

मैं उज्जैन की रहने वाली हूँ ,मेरे माता पिता का नाम श्री रमेश भावसार और श्रीमती शकुंतला भावसार है। मैंने जावरा पॉलिटेक्निक से इलेक्ट्रिकल विषय में डिप्लोमा व , साहित्य में रूचि होने के कारण मैंने हिंदी साहित्य में पार्ट टाइम एम.ए. भी किया है। फ़िलहाल कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत हूँ। लेखन कार्य शौकिया तौर पर करती हूँ। मुझे पढ़ना बहुत पसंद है , वैसे ज़्यादातर मुझे ग़ज़लें पढ़ने का शौक है। बशीर साब और दुष्यंतकुमार मेरे पसंदीदा शायर हैं। बाकी मुझे सबकुछ पढ़ना अच्छा लगता है। जो भी दिल को छू जाए , वो मेरा पसंदीदा हो जाता है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    renu kapoor very innovative
    01 এপ্রিল 2023
    very meaningful poem
  • author
    kanisha
    19 মার্চ 2022
    nice👍👏
  • author
    04 জুন 2016
    बहुत सुन्दर लाजवाब
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    renu kapoor very innovative
    01 এপ্রিল 2023
    very meaningful poem
  • author
    kanisha
    19 মার্চ 2022
    nice👍👏
  • author
    04 জুন 2016
    बहुत सुन्दर लाजवाब