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दोनों हाथ

4.4
2451

मंत्रमुग्ध हो गई थी उसके इस जवाब से |क्या पता था उसे कि मजबूत हाथ को अपनी शक्ति एवं कुशलता पर घमंड भी होता है और वो दूसरे हाथ की कमजोरी की खिल्लियाँ भी उड़ाता है | एक बार बहस होने पर नियति ने ...

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लेखक के बारे में
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सोमेश कुमार

नाम –सोमेश कुमार जन्म तिथि -04/01/1985 व्यवसाय-अध्यापन लेखन क्षेत्र –लघुकथा/बालकथा ,कविता/बालगीत ,कहानी मोबाइल नम्बर -8510003806 निवास –ए-716 /18 ,महावीर एन्क्लेव -2 ,नई दिल्ली -110059 [email protected] f-book-http://www.facebook.com/someshkumar.raghuvanshi

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    पाण्डेय अनिक
    29 માર્ચ 2018
    अच्छा विषय व सटीक प्रतीक का प्रयोग। परन्तु विवाह के पहले की बातचीत ऊबाऊ व विषय से भटकती हुई। नायिका के न लौटने का कारण स्पष्ट नहीं। ऐसा प्रतीत हुआ कि उल्टे हाथ की सार्थकता बताने के लिए जबरन उसे मार दिया गया। अच्छा विषय अतिरिक्त श्रम व धैर्य की अपेक्षा करता है। शुभकामनाएँ।
  • author
    Yogendra Singh
    07 સપ્ટેમ્બર 2018
    कथा का समापन तो लाजवाब है किन्तु मध्य में एक विषय पर व्याख्यान सी लग रही थी। बहुत ही अच्छा प्रयास। लेखन के लिए बधाई स्वीकार करें।
  • author
    Rachna Kandwal
    19 જુન 2018
    बहुत सुन्दर पति पत्नी का रिश्ता समय बीतने पर ही पता चलता है
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    पाण्डेय अनिक
    29 માર્ચ 2018
    अच्छा विषय व सटीक प्रतीक का प्रयोग। परन्तु विवाह के पहले की बातचीत ऊबाऊ व विषय से भटकती हुई। नायिका के न लौटने का कारण स्पष्ट नहीं। ऐसा प्रतीत हुआ कि उल्टे हाथ की सार्थकता बताने के लिए जबरन उसे मार दिया गया। अच्छा विषय अतिरिक्त श्रम व धैर्य की अपेक्षा करता है। शुभकामनाएँ।
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    Yogendra Singh
    07 સપ્ટેમ્બર 2018
    कथा का समापन तो लाजवाब है किन्तु मध्य में एक विषय पर व्याख्यान सी लग रही थी। बहुत ही अच्छा प्रयास। लेखन के लिए बधाई स्वीकार करें।
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    Rachna Kandwal
    19 જુન 2018
    बहुत सुन्दर पति पत्नी का रिश्ता समय बीतने पर ही पता चलता है