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डोंगरगढ़ के पहाड़ भजन

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डोगरगढ़ के पहाड़ जहाँ सीढ़ियाँ हजार दर्शन देना हो मैया हम आयेन तोरे दुआर। पहले पहर मा मैया बालक रूप लागे हो अस मन लागे मैया गोदी मा बैठा लौ ओ डोंगरगढ़ के पहाड़---------------। दूसर पहर मा मैया दुल्हन ...

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लेखक के बारे में
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Sangeeta Pathak

रचनाकारों की पवित्र अनुभूतियाँ अगर धूप की भांति माँ भारती की अोर उठने लगती हैं । सृजन ही उनकी सच्ची उपासना है। अपने सृजन से लेखक समाज को दिशा दे सकता है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    N.ksahu0007@writer
    07 अक्टूबर 2021
    दीदी तुम डोंगरगढ़ से हो कि डोगर गांव या मेरे गाँव या तेरे गाँव या फिर चौकी मोहला मानपुर । दीदी लिखी तो बहुत अच्छा हो पर मुझे जानना था मैं महासमुन्द से हु पर मैं अम्बा गढ़ चौकी में रहता था। 6 से 7 साल से अब महासमुन्द में रहता हूं
  • author
    sandhya ankesh
    07 अक्टूबर 2021
    अरे वाह बहुत अच्छा लोक गीत है ये आप छत्तीसगढ़ से हो क्या
  • author
    Ritu Goel
    07 अक्टूबर 2021
    अति सुन्दर अभिव्यक्ति
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    N.ksahu0007@writer
    07 अक्टूबर 2021
    दीदी तुम डोंगरगढ़ से हो कि डोगर गांव या मेरे गाँव या तेरे गाँव या फिर चौकी मोहला मानपुर । दीदी लिखी तो बहुत अच्छा हो पर मुझे जानना था मैं महासमुन्द से हु पर मैं अम्बा गढ़ चौकी में रहता था। 6 से 7 साल से अब महासमुन्द में रहता हूं
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    sandhya ankesh
    07 अक्टूबर 2021
    अरे वाह बहुत अच्छा लोक गीत है ये आप छत्तीसगढ़ से हो क्या
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    Ritu Goel
    07 अक्टूबर 2021
    अति सुन्दर अभिव्यक्ति