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डोली का लुटेरा

4.7
52

गगन मधेशिया कृत,   डोली का लुटेरा जाड़े की रात थी , गांव में काफी चहल पहल थी , हो भी क्यों न गांव के मुखिया हरी नारायण  जी की बड़ी बेटी उर्मिला का विवाह जो था । हर तरफ जगमगाती रोशनी मानो दूधिया ...

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लेखक के बारे में
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Gagan Madhesiya

कथाकार हूं , हृदय का मर्म लिखता हूं ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Virendra Sharma
    02 मई 2020
    बहुत अच्छी कहानी. मानवीय संवेदनाओं से पूर्ण. दरअसल वात्सल्य प्रेम बड़े से बड़े अपराधियों के मन में जीने की ललक जगा देता है.
  • author
    Vivek Chaubey
    10 मई 2020
    बहूत खूब एक अलग तरह की कहानी पढ़ने को मिलती है आपके page पर..all d best
  • author
    Rajen Rajan Kumar Sah
    03 मई 2020
    Bhoot hi marmik drishy dikha kahani me.
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Virendra Sharma
    02 मई 2020
    बहुत अच्छी कहानी. मानवीय संवेदनाओं से पूर्ण. दरअसल वात्सल्य प्रेम बड़े से बड़े अपराधियों के मन में जीने की ललक जगा देता है.
  • author
    Vivek Chaubey
    10 मई 2020
    बहूत खूब एक अलग तरह की कहानी पढ़ने को मिलती है आपके page पर..all d best
  • author
    Rajen Rajan Kumar Sah
    03 मई 2020
    Bhoot hi marmik drishy dikha kahani me.