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दोहे- विवाह

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दोहे- विवाह परिणय सूत्र विवाह का, धर्म सनातन सार । रिश्ता पवित्र प्रेम का, जीवन का आधार ।। नर-नारी के स्नेह से, बने सुखी परिवार । बेल बढ़ाने वंश की, यही एक आधार ।। रजनी कटारे जबलपुर म. प्र. ...

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लेखक के बारे में
author
Rajni Katare

अन्तर्मन से उपजे उदगारों को, कागज और कलम लेकर लिखने लग जाती हूँ -* रजनी कटारे -: शिक्षा -एम. ए. ,बी. एड. (हिन्दी साहित्य) जबलपुर (जन्म-भोपाल) जन्मतिथि :- 9/7/56 * सृजन - : स्वतन्त्र लेखन - सामाजिक, पारिवारिक, कविता, कहानी और लेख - * प्रकाशन - : नव भारत में काफी पहले मेरे लेख प्रकाशित, एक लम्बे अंतराल के बाद ' प्रतिलिपि मंच ' पर साहित्यक गतिविधियों से जुड़ाव - * शिक्षण -: काफी समय पहले अध्यापन का कार्य करा (नवयुग उ. मा. विद्यालय जबलपुर) - * सम्मान -: "महाकोशल महिला उद्यमी संगठन "(मावे) में उपसचिव के पद पर रह चुकी, 'मावे' द्वारा मुझे 'अचीवमेन्ट अवार्ड ' से सम्मानित किया गया - * उत्कृष्ट -समाज सेवा के लिए मुझे ' प्रियदर्शनी अलंकरण ' सम्मान मिला - -------*----- श्रीमती रजनी कटारे जबलपुर (म. प्र.)

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Asha garg
    07 जून 2023
    बहुत ही सुंदर लाजवाब दोहे ❤️❤️❤️👌👌👌👌❤️✍️✍️
  • author
    Saraswati Mishra
    07 जून 2023
    अतिसुन्दर लाजवाब शानदार सराहनीय उत्कृष्ट सृजन
  • author
    मंदाकिनी "नंदा"
    07 जून 2023
    बेहतरीन प्रस्तुति आपकी 👌👌
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Asha garg
    07 जून 2023
    बहुत ही सुंदर लाजवाब दोहे ❤️❤️❤️👌👌👌👌❤️✍️✍️
  • author
    Saraswati Mishra
    07 जून 2023
    अतिसुन्दर लाजवाब शानदार सराहनीय उत्कृष्ट सृजन
  • author
    मंदाकिनी "नंदा"
    07 जून 2023
    बेहतरीन प्रस्तुति आपकी 👌👌