रोक रखा है मोह ने, मोक्ष महल का द्वार । बिन त्यागे इस कर्म को, कैसे हो उद्धार ।। जैसे जाता है 'विनय', ज्ञान निकट वैराग्य । वैसे तेरा कब उदय, जाने होगा भाग्य ।। सच होकर भी मैं 'विनय', हारा हूँ हर ...
जो नहीं था पास मेरे नाम वो अपना लिया
दुख भरे जीवन में यूँ "आनन्द' देखो पा लिया
विनय जैन "आनन्द'
विनय जैन "आनन्द'
विनय जैन S/O राजेन्द्र जी जैन, पालोदा- बांसवाड़ा ( राज. )
माता - शुशीला देवी
बहनें - डिंपल, हर्षिता, मेघा
9460245606
सारांश
जो नहीं था पास मेरे नाम वो अपना लिया
दुख भरे जीवन में यूँ "आनन्द' देखो पा लिया
विनय जैन "आनन्द'
विनय जैन "आनन्द'
विनय जैन S/O राजेन्द्र जी जैन, पालोदा- बांसवाड़ा ( राज. )
माता - शुशीला देवी
बहनें - डिंपल, हर्षिता, मेघा
9460245606
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