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((दोहा- दिल का कनेक्शन))

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दिल का जुड़ाव दिल से,अच्छा माना जाय तन-मन-दिल प्रसन्न होत,सुख-दुःख निभाय।। दिल दिल से न जुड़ा,वहाँ गड़बड़ होय तहेदिल प्रेम कहाँ होत,मजा अधुरा होय।। प्रेमी को दिल से तौल,तब प्रेमरंग रंगाय हर पल ...

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लेखक के बारे में

मैं मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय/समस्तीपुर में मुख्य कार्यालय अधीझक के पद पर दिनांक-31-1-2020 तक कार्यरत था ,अब रेल से सेवानिवृत्त हो गया हूँ और रचना के संसार में रहकर देश और समाज की सेवा करना चाहते हैं ।मेरा जन्म सात जनवरी 1960 को पटना में कृष्णाष्ठमी के दिन हुआ था ।अभी मैं अपने नये घर ,फुलवारीशरीफ, पटना में रह रहा हूँ। मेरा मोबाइल फोन न-9386551434 है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr. Sunil Kr. Mishra
    23 सितम्बर 2022
    वाह, बहुत ही बेहतरीन एवम भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी लाजवाब सृजन आपका सर।
  • author
    Madhu Sethi
    23 सितम्बर 2022
    बढिय़ा सार्थक पंक्तियाँ और अच्छी प्रस्तुति आपकी
  • author
    23 सितम्बर 2022
    बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति सर, उत्कृष्ट अभिव्यक्ति।👌👌👌👍👍
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    Dr. Sunil Kr. Mishra
    23 सितम्बर 2022
    वाह, बहुत ही बेहतरीन एवम भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी लाजवाब सृजन आपका सर।
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    Madhu Sethi
    23 सितम्बर 2022
    बढिय़ा सार्थक पंक्तियाँ और अच्छी प्रस्तुति आपकी
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    23 सितम्बर 2022
    बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति सर, उत्कृष्ट अभिव्यक्ति।👌👌👌👍👍