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दोगला मन

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एकतरफा प्यार मेरा, दोगला मन मेरा, कभी कहे भुल जाओ, कभी कहे कैसे भुल जाऊ, कभी कहे कोइ फर्क नहीं पडता, कभी कहे कैसी होगी वो, कभी कहा बस बहुत हुआ, कभी कहे छोड दिया एसे तो फिर सच्चा इश्क़ कैसे, कभी ...

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लेखक के बारे में
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Dr.Nikunj

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समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    छवि शर्मा "राधा"
    06 दिसम्बर 2021
    मन की व्यथा को प्रतिबिंबित करती बेहतरीन रचना लिखी है आपने 👌🏻👌🏻
  • author
    डॉ. मीनाक्षी
    09 दिसम्बर 2021
    bahut khubsurat likha hai aapne sir...
  • author
    💕SONAL CHANDAK💕
    06 दिसम्बर 2021
    great 👍🏻 very nice and good one
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    छवि शर्मा "राधा"
    06 दिसम्बर 2021
    मन की व्यथा को प्रतिबिंबित करती बेहतरीन रचना लिखी है आपने 👌🏻👌🏻
  • author
    डॉ. मीनाक्षी
    09 दिसम्बर 2021
    bahut khubsurat likha hai aapne sir...
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    💕SONAL CHANDAK💕
    06 दिसम्बर 2021
    great 👍🏻 very nice and good one