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ईमानदार बेईमानी

4.4
3045

ये कहानी हमारे तंत्र में व्याप्त बेईमानी की जड़ों को उजागर करती है.

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लेखक के बारे में

अजय अमिताभ सुमन  अधिवक्ता: हाई कोर्ट ऑफ़ दिल्ली ,मोब: 9990389539, E-Mail: [email protected] दिल्ली हाई कोर्ट में पिछले एक दशक से ज्यादा समय से बौद्धिक संपदाविषयक क्षेत्र में वकालत जारी अनगिनत कानूनी संबंधी लेख कानूनी पत्रिकाओं में प्रकाशित वकालत करने के अलावा साहित्य में रूचि रही है.अनगिनत पत्र , पत्रिकाओं में प्रकाशनहिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में समान अधिकार। प्रकाशन: रचनाकार , हिंदी लेखक , स्टोरी मिरर, स्टोरीविवर, मातृ भारती , प्रतिलिपि, नव भारत टाइम्स, दैनिक जागरण ,यूथ की आवाज , साहित्य पेडिया , साहित्य सुधा,साहित्य कुंज,साहित्य मंजरी, ,आर्यावर्त,आज,साहित्य, स्पीकिंग ट्री , आज, हिंदुस्तान, नूतन पथ, अमर उजाला , वाटपैड , स्वीक, मीडियम,हिंदी पत्रिका इत्यादि अख़बारों और वेब पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    पूर्णिमा
    14 मई 2019
    बहुत अच्छी
  • author
    JAIDEV TOKSIA
    11 दिसम्बर 2018
    wah sir kya baat h
  • author
    Rajeshwari Devi
    16 अक्टूबर 2020
    बहुत अच्छी कहानी शिक्षा देती कहानी काश उनके सेठ ने उनके साथ ही उनकी मेहनत का फल दिया होता है तो उनके मन में भी जो थोड़ी सी बेईमानी आई है वह भी ना आती है जो मालिक होते हैं उन्हें हमेशा अपनी मुलाजिमों का दुख सुख का हमेशा ध्यान रखना चाहिए और हमेशा टाइम से उन्हें पैसा देना चाहिए तो कभी भी उनके मरने गई मानी और यह ख्याल ना आए
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    पूर्णिमा
    14 मई 2019
    बहुत अच्छी
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    JAIDEV TOKSIA
    11 दिसम्बर 2018
    wah sir kya baat h
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    Rajeshwari Devi
    16 अक्टूबर 2020
    बहुत अच्छी कहानी शिक्षा देती कहानी काश उनके सेठ ने उनके साथ ही उनकी मेहनत का फल दिया होता है तो उनके मन में भी जो थोड़ी सी बेईमानी आई है वह भी ना आती है जो मालिक होते हैं उन्हें हमेशा अपनी मुलाजिमों का दुख सुख का हमेशा ध्यान रखना चाहिए और हमेशा टाइम से उन्हें पैसा देना चाहिए तो कभी भी उनके मरने गई मानी और यह ख्याल ना आए