pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

तुम्हें  देख कर के बहकता  है  ये मन, गुलशन में गुल सा महकता है ये मन। कहीं  भी कभी  भी  तुम्हें  देखता  हूं, मस्ती में  हर पल  चहकता  है ये मन।     नज़रों  में अपनी तुम्हें ...