वो नवम्बर का आखिरी इतवार था, ठंड में लिपटा दिसम्बर की ओर बढ़ता हुआ| इवनिंग मास को खत्म हुए अभी पांच मिनट से कम ही वक़्त हुआ था पर भीड़ मानो एकदम ही कहीं गायब हो गयी थी| रूथ ने कंधे पे पड़ा शॉल खोल के ओढा ...
चीन का द थ्री गोरगेस डैम पृथ्वी के घूमने की गति को धीमा कैसे करता है?
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब
1) विश्व का सबसे बड़ा डैम (बांध) चाइना का थ्री गोर्जेस डैम है। ये एक Hydroelectric Power plant है। ये बांध चीन के Hubei प्रान्त में Yangtze नदी पर बना हुआ है। Yangtze नदी दुनिया की 3rd सबसे लंबी नदी है जिसकी लंबाई 6,300 किलोमीटर है।
2) यह बांध बनाने में 37 Billion Dollar (करीब 2,72,823 लाख करोड़ रूपए) की लागत आई। इस बांध की ऊंचाई 185 मीटर, लम्बाई 2.33 किलोमीटर, चौड़ाई 115 मीटर है। इस बांध को बनाने का मुख्य उद्देश्य बाढ़ की रोकथाम और बिजली पैदा करना है।
3) ) ये बांध बनने में कुल 18 साल लगे। इसका निर्माण सन 1994 में शुरू हुआ और सन 2012 में यह बनकर तैयार हुआ। यह बांध अपने 32 टर्बाइन की मदद से 22,500 मेगावाट बिजली पैदा करता है।
4) Three Gorges Dam बनाने में 4,63,000 टन स्टील प्रयोग हुआ है। इतने स्टील से 63 एफिल टावर का निर्माण किया जा सकता है. इस बांध के खड़ा होने से बने जलाशय (Reservoir) ने 632 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र भर दिया।
5) इस बांध के बन जाने से चीन को बिजली बनाने के लिए लगने वाले 31 मिलियन टन कोयले की बचत होगी, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी होगी।
6) इस बांध में इकठ्ठा किया गया 42 बिलियन टन पानी 175 मीटर की ऊँचाई तक भरा हुआ है। पानी के इतने बड़े भारी जलाशय की वजह से पृथ्वी का जड़त्वाघूर्ण (Moment of Inertia) प्रभावित हो गया है। इसकी वजह से पृथ्वी के घूमने की गति कुछ धीमी पड़ गयी है।
7) पृथ्वी के घूमने की गति धीमी होने से 1 दिन का टाइम 0.06 माइक्रोसेकंड्स बढ़ गया मतलब दिन थोड़ा लम्बा हो गया है।
8) Three Gorges Dam बनने की वजह से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव अपनी जगह से 2-2 सेंटीमीटर खिसक गए हैं। इसके अतिरिक्त ध्रुवों पर पृथ्वी थोड़ा सा चपटी भी हो गयी है।
9) भारत में जिस प्रकार टिहरी बांध बनने से बहुत सारे लोगों को विस्थापित करना पड़ा, उसी प्रकार थ्री गोर्गेस डैम बनने से भी कई लोगों को विस्थापित होना पड़ा। थ्री गोर्जेस डैम बनने से 13 शहर, 140 कस्बे और 1600 से अधिक गांव बांध के जलाशय में समा गए। इसकी वजह से करीब 13,00,000 लोगों को पुनर्वासित किया गया।
10) चीन का थ्री गोर्जेस डैम अमेरिका के महान हूवर डैम से 11 गुना अधिक बिजली पैदा करता है।
11) चीन के इस डैम से निकले 45 Billion क्यूबिक मीटर पानी को छोटे बांधों, सुरंगों, नहरों, पम्पिंग स्टेशन से मदद से 1,600 किलोमीटर अपस्ट्रीम के क्षेत्र में प्रवाहित किया जायेगा।
12) भारत के लिए थ्री गोर्जेस डैम (Three Gorges Dam) चिंता का विषय बन सकता है। भारत को आशंका है कि इस बांध के बन जाने से ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर (Water level) काफी नीचे गिर जायेगा और पानी में नमक स्तर बढेगा।
13) सन 2015 से इस बांध में एक नाव लिफ्ट (Ship Lift) ने भी काम करना चालू कर दिया है जोकि 3,000 टन तक के पानी के जहाज को बांध पार करके आने जाने के लिए काम करती है। ये लिफ्ट बड़ी-बड़ी नावों को उठाकर-उतारकर पार कराती है।
14) वैसे तो यह बांध काफी बड़े भूकंप को झेल सकता है लेकिन अगर कभी ये कभी टूट गया तो करीब 3 करोड़ 60 लाख लोग इससे बहने वाली विशाल लहर की चपेट में आ जायेंगे।
15) इस विशाल डैम के बन जाने के फायदे तो हैं लेकिन नुकसान भी हैं। इसके बनने से आस-पास के क्षेत्र में भूस्खलन (Mudslide) और भूकंप का खतरा बढ़ गया है क्योंकि ये भूकंप-संवेदनशील क्षेत्र में आता है।
16) 300 से ज्यादा मछली की प्रजातियाँ और कई जीव-जंतुओं का इस बांध के बन जाने से आवागमन बाधित हो गया है, जिससे उनका विकास और अस्तित्व संकट में पड़ गया है।
17) थ्री गोर्गेस डैम के विशाल जलाशय का पानी भरने से कई जंगल, खेती वाली जमीन, मिट्टी के मैदान पानी में डूब गए। इससे मिट्टी की सतह का कटाव (Erosion) होगा और ये मिट्टी (Silt) नदी की तलहटी व जलाशय के नीचे जमा होने लगेगी। इसकी वजह से आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ आने की संभावना बढ़ेगी और उपजाऊ मिट्टी जलाशय के बेस मे जमा होने से बहाव के पास के खेतों के जमीन की उर्वरता (Fertility) कम होगी।
हमें आशा है कि आपको दुनिया के सबसे बड़े बांध के बारे में जानकारी को दोस्तों के लिए व्हाट्सप्प, फ़ेसबुक पर शेयर जरूर करें जिससे कई लोग ये पोस्ट पढ़ सकें।
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1) विश्व का सबसे बड़ा डैम (बांध) चाइना का थ्री गोर्जेस डैम है। ये एक Hydroelectric Power plant है। ये बांध चीन के Hubei प्रान्त में Yangtze नदी पर बना हुआ है। Yangtze नदी दुनिया की 3rd सबसे लंबी नदी है जिसकी लंबाई 6,300 किलोमीटर है।
2) यह बांध बनाने में 37 Billion Dollar (करीब 2,72,823 लाख करोड़ रूपए) की लागत आई। इस बांध की ऊंचाई 185 मीटर, लम्बाई 2.33 किलोमीटर, चौड़ाई 115 मीटर है। इस बांध को बनाने का मुख्य उद्देश्य बाढ़ की रोकथाम और बिजली पैदा करना है।
3) ) ये बांध बनने में कुल 18 साल लगे। इसका निर्माण सन 1994 में शुरू हुआ और सन 2012 में यह बनकर तैयार हुआ। यह बांध अपने 32 टर्बाइन की मदद से 22,500 मेगावाट बिजली पैदा करता है।
4) Three Gorges Dam बनाने में 4,63,000 टन स्टील प्रयोग हुआ है। इतने स्टील से 63 एफिल टावर का निर्माण किया जा सकता है. इस बांध के खड़ा होने से बने जलाशय (Reservoir) ने 632 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र भर दिया।
5) इस बांध के बन जाने से चीन को बिजली बनाने के लिए लगने वाले 31 मिलियन टन कोयले की बचत होगी, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी होगी।
6) इस बांध में इकठ्ठा किया गया 42 बिलियन टन पानी 175 मीटर की ऊँचाई तक भरा हुआ है। पानी के इतने बड़े भारी जलाशय की वजह से पृथ्वी का जड़त्वाघूर्ण (Moment of Inertia) प्रभावित हो गया है। इसकी वजह से पृथ्वी के घूमने की गति कुछ धीमी पड़ गयी है।
7) पृथ्वी के घूमने की गति धीमी होने से 1 दिन का टाइम 0.06 माइक्रोसेकंड्स बढ़ गया मतलब दिन थोड़ा लम्बा हो गया है।
8) Three Gorges Dam बनने की वजह से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव अपनी जगह से 2-2 सेंटीमीटर खिसक गए हैं। इसके अतिरिक्त ध्रुवों पर पृथ्वी थोड़ा सा चपटी भी हो गयी है।
9) भारत में जिस प्रकार टिहरी बांध बनने से बहुत सारे लोगों को विस्थापित करना पड़ा, उसी प्रकार थ्री गोर्गेस डैम बनने से भी कई लोगों को विस्थापित होना पड़ा। थ्री गोर्जेस डैम बनने से 13 शहर, 140 कस्बे और 1600 से अधिक गांव बांध के जलाशय में समा गए। इसकी वजह से करीब 13,00,000 लोगों को पुनर्वासित किया गया।
10) चीन का थ्री गोर्जेस डैम अमेरिका के महान हूवर डैम से 11 गुना अधिक बिजली पैदा करता है।
11) चीन के इस डैम से निकले 45 Billion क्यूबिक मीटर पानी को छोटे बांधों, सुरंगों, नहरों, पम्पिंग स्टेशन से मदद से 1,600 किलोमीटर अपस्ट्रीम के क्षेत्र में प्रवाहित किया जायेगा।
12) भारत के लिए थ्री गोर्जेस डैम (Three Gorges Dam) चिंता का विषय बन सकता है। भारत को आशंका है कि इस बांध के बन जाने से ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर (Water level) काफी नीचे गिर जायेगा और पानी में नमक स्तर बढेगा।
13) सन 2015 से इस बांध में एक नाव लिफ्ट (Ship Lift) ने भी काम करना चालू कर दिया है जोकि 3,000 टन तक के पानी के जहाज को बांध पार करके आने जाने के लिए काम करती है। ये लिफ्ट बड़ी-बड़ी नावों को उठाकर-उतारकर पार कराती है।
14) वैसे तो यह बांध काफी बड़े भूकंप को झेल सकता है लेकिन अगर कभी ये कभी टूट गया तो करीब 3 करोड़ 60 लाख लोग इससे बहने वाली विशाल लहर की चपेट में आ जायेंगे।
15) इस विशाल डैम के बन जाने के फायदे तो हैं लेकिन नुकसान भी हैं। इसके बनने से आस-पास के क्षेत्र में भूस्खलन (Mudslide) और भूकंप का खतरा बढ़ गया है क्योंकि ये भूकंप-संवेदनशील क्षेत्र में आता है।
16) 300 से ज्यादा मछली की प्रजातियाँ और कई जीव-जंतुओं का इस बांध के बन जाने से आवागमन बाधित हो गया है, जिससे उनका विकास और अस्तित्व संकट में पड़ गया है।
17) थ्री गोर्गेस डैम के विशाल जलाशय का पानी भरने से कई जंगल, खेती वाली जमीन, मिट्टी के मैदान पानी में डूब गए। इससे मिट्टी की सतह का कटाव (Erosion) होगा और ये मिट्टी (Silt) नदी की तलहटी व जलाशय के नीचे जमा होने लगेगी। इसकी वजह से आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ आने की संभावना बढ़ेगी और उपजाऊ मिट्टी जलाशय के बेस मे जमा होने से बहाव के पास के खेतों के जमीन की उर्वरता (Fertility) कम होगी।
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