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दिल की खबर

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सुनो ना दिल की खबर ज़रा दिल को देदो दिल ए नादान समझता नहीं दिल किसी की सुनता भी नहीं दिल सुने बस दिल की बात और कहे दिल से हर बात ऐसा दिल क्यों हमारा दीदार चाहे तुम्हारा हर घड़ी करें इंतज़ार ये दिल ...

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लेखक के बारे में
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Meena (Sumi) Rawlani

क्यों तुम पहचान कर भी अनजान बने रहते हो दोस्ती का मुखौटा पहनकर दुश्मनों सा व्यवहार करने लगते हो ll शायद यही होती है दोस्ती ऐसी कहलाती है दोस्ती पहले दोस्त बनाते हो फिर दुश्मन बनकर पीठ में खंजर घोपने लगते हो l Sumi

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pratibha Sharma
    16 जून 2021
    बहुत खूब 👌🌹👌
  • author
    Pappi Jat
    16 जून 2021
    वाह जी वाह बहुत खूब
  • author
    Jayesh r J
    16 जून 2021
    very good
  • author
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  • author
    Pratibha Sharma
    16 जून 2021
    बहुत खूब 👌🌹👌
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    Pappi Jat
    16 जून 2021
    वाह जी वाह बहुत खूब
  • author
    Jayesh r J
    16 जून 2021
    very good