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धूर्त सियार !

4.6
421

धूर्त सियार ! महा वन में एक सियार रहता था । वह बड़ा ही चालाक और धूर्त था । उसकी मीठी लच्छेदार भाषा से अच्छे-खासे चतुर-चालाक जीव भी धोखा खा जाते । वह महावन के लगभग सभी जानवरों को ...

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लेखक के बारे में
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R.K shrivastava

मुझे पढ़ना पसंद है । इतिहास, धर्म तथा आध्यात्म मेरा प्रिय विषय है ।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    aparna
    04 مارچ 2021
    बेहतरीन लाजवाब कहानी👌👌👌 बहुत दिनों के बाद आपका लिखा पढ़ने को मिला, मन प्रसन्न हो गया। पंचतंत्र की कहानियों की तरह रोचक और ज्ञानवर्धक कहानी थी। चतुर सियार की चतुराई आखिर काम कर ही गयी लेकिन ऐसों के कारण ही लोगों का विश्वास सच्चे और अच्छे लोगों पर से भी खत्म होता जा रहा है। यथार्थ परक और संदेशप्रद कहानी। 🙏🙏🙏🙏🌻🌻🌻🌻
  • author
    03 مارچ 2021
    बहुत ही शिक्षा प्रद कहानी लिखी है आपने, काफी दिनों बाद।
  • author
    sushma gupta
    03 مارچ 2021
    वाह... इतना चतुर ज्ञानी सियार.. उसकी बातों पर तो मुझे भी विश्वास हो चला था.. बेचारी मुर्गी ने अपनी क्षमतानुसार बहुत समझदारी दिखाई लेकिन..., इस कहानी के सियार ने पूरी तैयारी से लक्ष्य की ओर क़दम बढ़ाया ये बात मुझे बहुत अच्छी लगी..., (अच्छी बात कहीं भी किसी से भी ग्रहण कर लेनी चाहिए 😊)मुर्गी का बलिदान भी शिक्षा दे गया कि सामने वाले की फितरत का भी ध्यान रखना ज़रूरी है जीभ पर राम-राम लिखवाना यानि भक्तिपूर्ण धूर्तता , शानदार सशक्त लेखन.. बहुत दिनों बाद आपकी रचना पढ़कर मन प्रसन्न हो गया🌺🌺 ऐसे ही लिखते रहिये सर जी... 🙏
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    aparna
    04 مارچ 2021
    बेहतरीन लाजवाब कहानी👌👌👌 बहुत दिनों के बाद आपका लिखा पढ़ने को मिला, मन प्रसन्न हो गया। पंचतंत्र की कहानियों की तरह रोचक और ज्ञानवर्धक कहानी थी। चतुर सियार की चतुराई आखिर काम कर ही गयी लेकिन ऐसों के कारण ही लोगों का विश्वास सच्चे और अच्छे लोगों पर से भी खत्म होता जा रहा है। यथार्थ परक और संदेशप्रद कहानी। 🙏🙏🙏🙏🌻🌻🌻🌻
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    03 مارچ 2021
    बहुत ही शिक्षा प्रद कहानी लिखी है आपने, काफी दिनों बाद।
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    sushma gupta
    03 مارچ 2021
    वाह... इतना चतुर ज्ञानी सियार.. उसकी बातों पर तो मुझे भी विश्वास हो चला था.. बेचारी मुर्गी ने अपनी क्षमतानुसार बहुत समझदारी दिखाई लेकिन..., इस कहानी के सियार ने पूरी तैयारी से लक्ष्य की ओर क़दम बढ़ाया ये बात मुझे बहुत अच्छी लगी..., (अच्छी बात कहीं भी किसी से भी ग्रहण कर लेनी चाहिए 😊)मुर्गी का बलिदान भी शिक्षा दे गया कि सामने वाले की फितरत का भी ध्यान रखना ज़रूरी है जीभ पर राम-राम लिखवाना यानि भक्तिपूर्ण धूर्तता , शानदार सशक्त लेखन.. बहुत दिनों बाद आपकी रचना पढ़कर मन प्रसन्न हो गया🌺🌺 ऐसे ही लिखते रहिये सर जी... 🙏