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धूप में कुम्हलाया फूल

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जिंदगी का सफर जन्म से शुरु होकर शैशव,बचपन ,टीनेज जवानी,प्रौढ़ से होते होते वृद्धावस्था तक आ पहुंचा समय आ गया अब तय्यार रहने का धूप में कुम्हलाया फूल सूख कर बिखर जाने का बाकी थोडा बचा सफर जल्द ...

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लेखक के बारे में
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Ashok Kansal

Nothing to show.Writing is not my profession it has become my hobby & passion .

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

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  • author
    Jaya Nagar
    09 दिसम्बर 2023
    सार्थकता व्यक्त करती रचना की अद्भुत प्रस्तुत प्रस्तुति👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍 😊🙏
  • author
    09 दिसम्बर 2023
    बेहतरीन रचना🌷
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    Jaya Nagar
    09 दिसम्बर 2023
    सार्थकता व्यक्त करती रचना की अद्भुत प्रस्तुत प्रस्तुति👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍 😊🙏
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    09 दिसम्बर 2023
    बेहतरीन रचना🌷