pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

धोखेबाज

5
17

धोखेबाज जाने क्यूं सपने सब टूट से गए मेरे आज कल कहीं लगता नहीं मन मेरा पता नहीं था दुनिया इतनी धोखेबाज है नहीं रहा अब किसी पर ऐतबार मेरा पग पग पर सब साथ छोड़ते चले गए खुदा तू ही बता ऐसे ही रहेगा सदा ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
प्रदीप शर्मा

ये कोशिश है, नया कुछ सीखने की।       ये कोशिश है, पहचान नई बनाने की। ये कोशिश है, आकांक्षाओं को उड़ान देने की।            ये कोशिश है, कामनाओं को पूरा करने की। Pradeep Sharma 8802497250 Delhi https://www.instagram.com/pin2sharma15/

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Balram Soni
    11 जून 2021
    बहुत सुन्दर रचना जय श्री राधे कृष्णा🙏
  • author
    डॉ रंजना सिंह
    12 जून 2021
    बहुत बढ़िया
  • author
    महेश समीर
    11 जून 2021
    बेहतरीन
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Balram Soni
    11 जून 2021
    बहुत सुन्दर रचना जय श्री राधे कृष्णा🙏
  • author
    डॉ रंजना सिंह
    12 जून 2021
    बहुत बढ़िया
  • author
    महेश समीर
    11 जून 2021
    बेहतरीन