तेज बारिश से बिजली भी गुल हो गई थी,तभी अचानक दरवाजा किसी ने खटखटाया … देखा तो मेरी बचपन की सहेली नीतू थी,सर से पैर तक भीगी हुई, ओ नीतू आ अंदर आ,बहुत भीगी हो,पहले कपड़े देती हूँ, बदल लो… उसकी आँखें लाल ...
तेज बारिश से बिजली भी गुल हो गई थी,तभी अचानक दरवाजा किसी ने खटखटाया … देखा तो मेरी बचपन की सहेली नीतू थी,सर से पैर तक भीगी हुई, ओ नीतू आ अंदर आ,बहुत भीगी हो,पहले कपड़े देती हूँ, बदल लो… उसकी आँखें लाल ...