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धवल प्रकाश

3.5
204

धवल प्रकाश प्रीति सेनगुप्ता अंग्रेज़ी से अनुवाद -नीलम कुलश्रेष्ठ [ प्रीति सेनगुप्ता--- न्यूयॉर्क में रहने वाली प्रीति सेनगुप्ता ,भारत की प्रथम व विश्व की तृतीय महिला यात्री हैं जिन्होंने नितांत ...

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लेखक के बारे में

  जन्म :     आगरा -13 जून1952 शिक्षा :      रसायन विज्ञान में एम.एस सी.,एक्सपोर्ट मार्केटिंग में डिप्लोमा  लेखन परिचय :    वड़ोदरा में  स्वतंत्र लेखन व पत्रकारिता  का आरंभ `धर्मयुग `व `साप्ताहिक हिंदुस्तान ``से -एन.जी.ओ`ज व अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व्यक्तियों के साक्षात्कार, विविध विषयों पर शोधपरक  लेखन. गुजरात की किसी भी भाषा की राष्ट्रीय स्तर की प्रथम पत्रकार, गुजरात के ` हू इज हू `में से एक, गुजरात हिन्दी साहित्य अकादमी से  पुरस्कृत   24 वर्ष की आयु में     दिल्ली की लेखिका संघ द्वारा अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता का द्वितीय पुरस्कार डॉ. कर्ण सिंह द्वारा ., 2 अन्य कहानियों को दिल्ली की `क्रतिकार `संस्था द्वारा पुरस्कार, दिल्ली दूरदर्शन द्वारा `अपने  घर की ओर `कहानी पर टैलीफिल्म. रचनाओ का अनेक भाषाओं में अनुवाद ,गुजरात हिन्दी साहित्य अकादमी से पुरस्कृत व अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मान .  पत्रकारिता में विशेष उपलब्धियाँ; बंगाल की बंगाली विधवाओं की दुर्दशा को प्रकाश मे लाना  सन् 1980 में `धर्मयुग `में प्रकाशित लेख द्वारा प्रथम बार व्रंदाबन में आकर बसने वाली बंगाली विधवाओं की दुर्दशा का राष्ट्र को परिचय  .सइस लेख के प्रकाशन के  बाद बहुत सी एन जी ओ`ज़ इनकी सहायता के लिए आगे आई .न् 2012 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इनकी दशा के लिये सर्वे करने के लिये पैनल की  नियुक्ति पर लेख `दैनिक जागरण `में  बाद में सुलभ इंटरनेशनल द्वारा सरकार के अनुरोध पर व्रंदाबन में इनको सहारा  देने के विवरण का      लेख सन् 2013 व 2014 में `दैनिक जागरण `व `संगिनी `[वड़ोदरा ]पत्रिका में . 2.लोक अदालत लोकप्रिय बनाने में योगदान आज जो शहरों की अदालतों में हम लोकप्रिय होती लोक अदालत का आयोजन देखते हैं इसका जन्म गुजरात के आनंद निकेतन आश्रम में आदिवासियों के स्वयम सेवक श्री हरि वल्लभ पारिख के अथक प्रयासों  से हुआ था सन् 1949 में .इसको शहरों में लोकप्रिय बनाने में `मेरे `धर्मयुग `,साप्ताहिक हिंदुस्तान `व `सरिता `के लेखों का भी योगदान रहा है  . 3.आर्चाय रजनीश की शिष्या सन 1985 की विश्व में चर्चित महिला वड़ोदरा की आनंद माँ शीला के काले कारनामों  `पर धर्मयुग `में लेख 5.गुजरात  का फ्रेंडशिप कॉन्ट्रेक्ट [मैत्री करार ] पर` धर्मयुग`  में सर्वे  --  प्रकाशन के 20 वर्ष बाद आदरणीय चित्रा मुद्‍गल जी ने नीलम जी को बताया कि इस लेख के प्रकाशन के बाद प्रमिला ने `मैत्री करार `पर दिल्ली में गोष्ठी रक्खी थी  .  5.विश्वविध्यालय में नारी शोध केंद्रों की स्थापना के कारण व इनके 22 विश्व विध्यालयों  के केंद्रों का विवरण [ये लेख 8 वर्ष तक प्रकाशित नही किया गया क्योंकि ये स्त्री विमर्ष  का लेख था ] ,बाद में `इंदौर `की  `मनस्वी `पत्रिका में प्रकाशित किया गया था . मैंने अपनी स्त्री विमर्श की दोनों पुस्तकों में लिया है . 6.मानव संसाधन मंत्रालय की महिला सामाख्या पर लेख भी पत्रिकाओ ने प्रकाशित नही किया तब मैंने अपनी पुस्तक ``ये स्त्रियाँ ---``में लिया .दस वर्ष बाद फिर इसकी गुजरात में चार तालुका में चलने वाली नारी  अदालते  11 तालुका में आरंभ हो चुकी हैं .इस प्रगति पर लेख `सूचना विभाग `,दिल्ली की पत्रिका ``आजकल `ने अप्रैल 2014में प्रकाशित किया था .  पुस्तके;  1.``हरा भरा रहे पृथ्वी का पर्यावरण `` [ जिसका आधार वड़ोदरा की एशिया में सबसे पहले पर्यावरण संरक्षण के लिए स्थापित संस्था `इनसोना ``की पत्रिका में प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों के  शोधपरक लेख के आधार पर इसका लेखन.. ][सन २००४ व २००५ में गृह मंत्रालय की सर्व श्रेष्ठ पुस्तकों में से एक ],- ---------चार  संस्करण . गुजरात हिन्दी साहित्य अकादमी से पुरस्कृत----प्रकाशक --सामयिक प्रकाशन ,दिल्ली -   2.``ज़िन्दगी की तनी डोर ;ये स्त्रियाँ``[द सन्डे इंडियन `की विश्व की  सर्व श्रेष्ठ नारीवादी पुस्तकों की सूची में शामिल ]` -------- तीन संस्करण  .प्रकाशक --मेधा बुक्स,दिल्ली ---- . गुजरात हिन्दी साहित्य अकादमी से पुरस्कृत   3.कहानी संग्रह `हेवनली  हेल ` [शिल्पायन प्रकाशन,दिल्ली  ]को अखिल भारतीय अम्बिका प्रसाद दिव्य  पुरस्कार   4.कहानी संग्रह ``शेर के पिंजरे में `को हैदराबाद के साहित्यिक कादम्बिनी क्लब का अहिंदीभाषी राज्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ कहानी संग्रह के निमित्त  ` साहित्य गरिमा पुरस्कार `प्रकाशक -----नमन प्रकाशन ,दिल्ली   5.संपादित पुस्तकें-``धर्म की बेड़ियाँ खोल रही है औरत `[  [शिल्पायन प्रकाशन,दिल्ली ,तीन संस्करण ]   व 6.धर्म के आर पार औरत `` [किताबघर से प्रकाशित] .        नीलम कुलश्रेष्ठ का एक एतहासिक  विशिष्ट कार्य  -विभिन्न धर्मो व पौराणिक स्त्री चरित्रो की आज की शिक्षित स्त्री ,देश की सुप्रसिध लेखिकाओ द्वारा कविताओं ,लेखों व कहानियों को इन पुस्तकों में संपादित किया  है .सीता सावित्री के देश में इन चरित्रो के लिए इंसाफ माँगा है .व स्त्री की आज की स्थित से तुलना कर इन्हे पुनर्भाशित किया है .   7.. -`परत  दर परत स्त्री ` [स्त्री विमर्श ], प्रकाशक -----नमन प्रकाशन ,दिल्ली 8.कुछ रोग ;कुछ वैज्ञानिक शोध` . प्रकाशक -----नमन प्रकाशन ,दिल्ली 9 गुजरात;;सहकारिता ,समाज सेवा और संसाधन`` प्रकाशक -----किताबघर,दिल्ली    10` `वड़ोदरा नी नार  ` [`  [शिल्पायन प्रकाशन,दिल्ली .वदोदरा की 32 अंतर्राष्ट्रीय व   र्राष्ट्रीय    ख्याति प्राप्त     महिलायो के इंटरव्यूज़ ] 11.कलमकार फाउंडेशन ,दिल्ली से 20 दिसंबर को अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता के लिए आयी 1200 कहानियों में से सांत्वना पुरस्कार सम्प्रति ;   वड़ोदरा [सन ११९० में ]व अहमदाबाद [सन २००९ में ] में महिला बहुभाषी साहित्यिक मंच `अस्मिता ` की स्थापना, कुछ और पुस्तकें प्रकाशाधीन    

समीक्षा
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  • author
    Manjit Singh
    27 सितम्बर 2020
    कहानी।पढ़कर बहुत खुशी हुई मैं खुद एक पर्यटक हूं आपका बहुत-बहुत आभार ईश्वर कृपा करें
  • author
    02 मई 2018
    बहुत अविस्मरणीय ज़िन्दगी को अच्छे से जिया और अपनी पहचान को दर्ज कर किया समाज मे । कविता बहुत अच्छी है
  • author
    Dharmadip Darwade
    05 नवम्बर 2021
    kahi likhawat me najdikiya ke jagah par nadjkiya likha hai rachana acchi hai.
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    Manjit Singh
    27 सितम्बर 2020
    कहानी।पढ़कर बहुत खुशी हुई मैं खुद एक पर्यटक हूं आपका बहुत-बहुत आभार ईश्वर कृपा करें
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    02 मई 2018
    बहुत अविस्मरणीय ज़िन्दगी को अच्छे से जिया और अपनी पहचान को दर्ज कर किया समाज मे । कविता बहुत अच्छी है
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    Dharmadip Darwade
    05 नवम्बर 2021
    kahi likhawat me najdikiya ke jagah par nadjkiya likha hai rachana acchi hai.