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हिन्दी

ढपोरसंख

4.5
6480

मुरादाबाद में मेरे एक पुराने मित्र हैं, जिन्हें दिल में तो मैं एक रत्न समझता हूँ पर पुकारता हूँ ढपोरसंख कहकर और वह बुरा भी नहीं मानते। ईश्वर ने उन्हें जितना ह्रदय दिया है, उसकी आधी बुद्धि दी होती, तो ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rakesh Choudhary
    27 सितम्बर 2017
    गुण मिले तो गुरु बनाओ, चित्त मिले तो चेला मन मिले तो मित्र बनाओ नहीं तो रहो अकेला
  • author
    पवनेश मिश्रा
    10 अप्रैल 2020
    कथा सम्राट के कृतित्व को सादर नमन 🙏🌹🙏,
  • author
    Madan Prasad
    29 जुलाई 2020
    बीच मे उबाऊ हो जाती है,प्रवाह भी तरल नही रह पाता। और सबसे बड़ी बात तो यह कि यह कोई संदेश समाज के लिए नही छोड़ती। शीर्षक भी कहानी के अनुसार फिट नही बैठता।डपोरसंख कौन? रोज रोज नयी नयी कहानियॉ बनाकर विश्वास को धोखा देने वाला अथवा धोखा खानेवाला।
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    Rakesh Choudhary
    27 सितम्बर 2017
    गुण मिले तो गुरु बनाओ, चित्त मिले तो चेला मन मिले तो मित्र बनाओ नहीं तो रहो अकेला
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    पवनेश मिश्रा
    10 अप्रैल 2020
    कथा सम्राट के कृतित्व को सादर नमन 🙏🌹🙏,
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    Madan Prasad
    29 जुलाई 2020
    बीच मे उबाऊ हो जाती है,प्रवाह भी तरल नही रह पाता। और सबसे बड़ी बात तो यह कि यह कोई संदेश समाज के लिए नही छोड़ती। शीर्षक भी कहानी के अनुसार फिट नही बैठता।डपोरसंख कौन? रोज रोज नयी नयी कहानियॉ बनाकर विश्वास को धोखा देने वाला अथवा धोखा खानेवाला।