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धन का साथी ..मन का साथी

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वधू चाहिए..और वर चाहिए..अखबार की सुर्खियों के बीच "साथी "मेट्रोमोनियल पर उसकी निगाह ठहर गई उसने ऊपर से नीचे सरसरी निगाह से उसे पढ़ा और फिर कोने पर रख दिया ..रह रहकर उसके भीतर चंद पंक्तियां अपने ...

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लेखक के बारे में
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Sunanda Aswal

मेरे अनुभव ही मेरा लेखन है । अन्य मंचों द्वारा पारितोषक प्रदान किया है ,कहानी , कविता, उपन्यास में विशेष रुचि रखती हूं । लेखन में रूचि मुझे यहाँ तक ले आई । आप लोगों का सहयोग अपेक्षित है । मैं सामाजिक संस्था से जुड़ी हू , वहां शिक्षा देती हूं .। मेरा मानना है कि मन के भाव को प्रकट करना ही लेखन कला है । इससे आपकी पर्सनेलिटी हद तक प्रभावित होती है । जब इस विशाल समुंदर में गोता लगा ही लिया है तो लहरों से भय नहीं लगता । स्वागत है ☺️

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kiran Pandey
    18 जुलाई 2025
    वाह बहुत खूब ..! मन का साथी , धन का नहीं । शानदार ..लाजवाब , अतिउत्तम कहानी दी ..💐🙏🥰🙏💐
  • author
    निरंजना जैन
    18 जुलाई 2025
    भावनाओं और समय की कद्र को महत्व देती लाजवाब कहानी आपकी।🤔👍👌👌👌
  • author
    Gulshan Barkud
    18 जुलाई 2025
    kitna acha likha hai.. kuch log paise k agey sochte hi nahi
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  • author
    Kiran Pandey
    18 जुलाई 2025
    वाह बहुत खूब ..! मन का साथी , धन का नहीं । शानदार ..लाजवाब , अतिउत्तम कहानी दी ..💐🙏🥰🙏💐
  • author
    निरंजना जैन
    18 जुलाई 2025
    भावनाओं और समय की कद्र को महत्व देती लाजवाब कहानी आपकी।🤔👍👌👌👌
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    Gulshan Barkud
    18 जुलाई 2025
    kitna acha likha hai.. kuch log paise k agey sochte hi nahi