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ढलती हुई शाम का सूरज

4.3
11004

‘इंसान अक्सर अपने आप से बहुत दूर भागने की भूल करने लगता है।ये जानते हुये भी कि वह कहीं भी जाये, सब उसका पीछा छोड़ दें, मगर उसकी परछाई सदैव ही उसके साथ चलती है। जिस संध्या के जीवन में रवि सदैव ही ...

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लेखक के बारे में
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शरोवन

प्रतिलिपि में प्रकाशित मेरी कहानियों के सात संकलन, अर्थात सात पुस्तकें एक साथ प्रकाशित हुई हैं। इन पुस्तकों के नाम हैं; 1. माटी मेरे आंगन की 2. रोमिका 3. मेरे पथ का राही 4. अमावस्या 5. लहरें बुलाती हैं 6.मांझी नैया ढूंढे किनारा 7. शूशनगढ़ की सुंदरी मिलने का पता है; MSS 70 Janpath, New Delhi- 110001 Emai: [email protected] Phn. 91 11 2332 0253 Website. Www.masihisahitysanstha.com name: Sharovan Full name: Sharovan Kumar Singh Education: M.A. ( Hindi, Sociology), Bsc. zoology, Botany, Chemistry, Clinical: Medical technologist (USA) Writings: Novels, stories, poems Footnote: two times winner of Hindi stories competition of Delhi Press famous magazine ' Sarita'; first and second prize. Residency: Georgia, USA. Facebook: Novelist Sharovan website: Yeshukepaas.org email: [email protected] Resident of: 2379 Cochise Dr., Acworth, Ga 30102, USA. contact: 7707267286, 4042138257 शरोवन- जन्म स्थान- सहारनपुर, सेमनरी, उत्तर-प्रदेश, भारत, शिक्षा- बी. एस. सी. जीवविज्ञान व रसायनशास्त्र स्नातकोत्तर- हिन्दी व समाजशास्त्र रसायनशाला- सी. एल. टी. (एन. सी. ए.), यू. एस. ए., एम. टी. (ए. एम. टी.), यू. एस. ए. सी. एल. एस. सी., रसायनशास्त्र (एन. सी. ए., यू. एस. ए. लेखन- उपन्यास, कहानी एंव लेख संपादन- यीशु के पास, इनकारपोरेटिड, हिन्दी मसीह पत्र प्रकाशन, अमेरिका के अन्तर्गत चेतना हिन्दी मसीही पत्रिका का संपादन व प्रकाशन प्रकाशन- उपन्यास- बिखरे फूल, तुम दूर चले जाना, नैया, चरवाहा, भारत की रचना, जिल्पा, -कहानी संग्रह, तथा सरिता, मुक्ता, बाल भारती, भू-भारती, युवक, एंव चेतना में कहानियां व लेख प्रकाशितं। सम्प्रति- क्लीनीकल लेबोरेटोरी, यू. एस. ए. में मेडिकल टैक्नोलेजिस्ट व क्लीनीकल लेबोरेटोरी सांइटिस्ट रसायनशास्त्र के रूप में कार्यरत्। प्रकाशित रचनायें- प्रेम करता है वह - गवाहियों का संकलन जिल्पा -कहानी संग्रह तुम दूर चले जाना -उपन्यास नैया -उपन्यास चरवाहा -उपन्यास भारत की रचना -उपन्यास कलवरी के आंसू -उत्तरी भारत की सी. एन. आई. में व्याप्त भ्रष्टाचार पर आधारित एक मार्मिक उपन्यास यीशु नासरी - एक एतिहासिक व बिबलीकल सत्य फिर वहीं - कहानी संग्रह Tears of Calvary_ Novel english edition.

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    संदेश जैन
    20 जुलाई 2020
    संघर्षमय जीवन का अंत भी दुःखद हुआ यही सत्य भी है लेकिन जीवन के कुछ निर्णय जीवन यात्रा को बदल देते है इस कथा में भी यदि संध्या अपना समयानुसार निर्णय ले लेती तो कथा एक सुखद मोड़ पर जा सकती थी उपप्रधानाचार्य पद पर रहते हुए विवाह कर के भी अपने भाई बहनों को उच्च पद और वैवाहिक क्रियाओ को सम्पन्न कराया जा सकता था
  • author
    Sangeeta Arora
    04 मई 2021
    आशा के विपरीत अंत भी दुखद जीवन की संध्या बेला में किसी हमसफ़र का साथ निभाना कोई ऐसी भी आश्चर्यजनक बात नहीं थी वो भी अमेरिका जैसे देश में संध्या के सोचने का नजरिया समझ नही आया जबकि रवि ने अपना प्यार इमानदारी से बिना किसी उम्मीद के 🙏🙏
  • author
    Urmil Nayyar
    04 जून 2021
    कहानी अच्छी है। मैंने ऐसी बहुत कहानियाँ पढ़ी हैं,हमेशा यही विचार मन में उभर कर आता है,पढ़ाई पूरा होने के बाद उनकी शादी करवाना भी जिम्मेदार की जिम्मेवारी क्यों है। माता-पिता क्यों अपना उतरदायित्व उस जिम्मेदार व्यक्ति के प्रति भूल जाते हैं। फिर भी एक ऐसी ही मूवी टीवी पर कुछ ही पहले देखने को मिली थी,जिस में पिता की मौत के बाद लड़की सब जिम्मेदारी उठाने के लिए तयशुदा शादी जो पिता की मौत के कारण नहीं हो सकी,उसे करने से इंकार कर देती है। पर यहाँ भाई बहन उसके त्याग को समझते हैं। भाई की पत्नी और भाई घर छोड़कर अलग अलग चले जाते हैं पर भाई को हमेशा बहन के विवाह की चिंता रहती है क्योंकि वह लड़का अभी तक इंतजार कर रहा है। आखिर में शादी होती है ।सुखद अंत है। पर वास्तविक जीवन में भाई बहन क्योंकर निष्ठुर हो जाते हैण।
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    संदेश जैन
    20 जुलाई 2020
    संघर्षमय जीवन का अंत भी दुःखद हुआ यही सत्य भी है लेकिन जीवन के कुछ निर्णय जीवन यात्रा को बदल देते है इस कथा में भी यदि संध्या अपना समयानुसार निर्णय ले लेती तो कथा एक सुखद मोड़ पर जा सकती थी उपप्रधानाचार्य पद पर रहते हुए विवाह कर के भी अपने भाई बहनों को उच्च पद और वैवाहिक क्रियाओ को सम्पन्न कराया जा सकता था
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    Sangeeta Arora
    04 मई 2021
    आशा के विपरीत अंत भी दुखद जीवन की संध्या बेला में किसी हमसफ़र का साथ निभाना कोई ऐसी भी आश्चर्यजनक बात नहीं थी वो भी अमेरिका जैसे देश में संध्या के सोचने का नजरिया समझ नही आया जबकि रवि ने अपना प्यार इमानदारी से बिना किसी उम्मीद के 🙏🙏
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    Urmil Nayyar
    04 जून 2021
    कहानी अच्छी है। मैंने ऐसी बहुत कहानियाँ पढ़ी हैं,हमेशा यही विचार मन में उभर कर आता है,पढ़ाई पूरा होने के बाद उनकी शादी करवाना भी जिम्मेदार की जिम्मेवारी क्यों है। माता-पिता क्यों अपना उतरदायित्व उस जिम्मेदार व्यक्ति के प्रति भूल जाते हैं। फिर भी एक ऐसी ही मूवी टीवी पर कुछ ही पहले देखने को मिली थी,जिस में पिता की मौत के बाद लड़की सब जिम्मेदारी उठाने के लिए तयशुदा शादी जो पिता की मौत के कारण नहीं हो सकी,उसे करने से इंकार कर देती है। पर यहाँ भाई बहन उसके त्याग को समझते हैं। भाई की पत्नी और भाई घर छोड़कर अलग अलग चले जाते हैं पर भाई को हमेशा बहन के विवाह की चिंता रहती है क्योंकि वह लड़का अभी तक इंतजार कर रहा है। आखिर में शादी होती है ।सुखद अंत है। पर वास्तविक जीवन में भाई बहन क्योंकर निष्ठुर हो जाते हैण।