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देवांश

4.1
34762

उसने जिस -जिस से टूट कर प्यार किया उन्हें ही कारण - अकारण अपनी जिन्दगी से दूर कर दिया .अपने अन्दर के खालीपन को और भी खाली करता चला गया - चाहे माँ हो ,प्रेयसी हो या बहन हो --- एक झटके से सारे ...

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लेखक के बारे में

शिक्षा – एम्.ए. ( हिन्दी ) सम्प्रति – कंटेंट एडिटर, प्रतिलिपि कॉमिक्स प्रकाशित पुस्तकें – तिराहा,बेगम हज़रत महल (उपन्यास ) अनतर्मन के द्वीप, पॉर्न स्टार और अन्य कहानियां – कहानी संग्रह कई कवितायें ,कहानियाँ एवं लेख पत्र - पत्रिकाओं और कई ब्लॉग्स पर प्रकाशित।

समीक्षा
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  • author
    खुशबू
    03 डिसेंबर 2015
    वीणा जी बहुत ही अच्छा लिखा है आपने और कुछ लाइन्स तो बिलकुल छू ही गई ...ज्यादा प्यार बर्दाश्त नहीं होता कितना सच लिखा है । लिखती रहिये यूँ ही । अनेको शुभकामनाये ।
  • author
    sachindeo
    23 जानेवारी 2017
    Kuch samajh nahi aaya ek shaadi shuda aged lady aur young writer ke bich ye physical activity kya hona jaruri hai? apni rachnaon ko real banane ke liye ya kisi bhi wajah se justified nahi lag raha
  • author
    22 डिसेंबर 2016
    ,मैं तुम्हारी तरह साहित्य नहीं पढ़ती .मैं रोज की जिन्दगी पढ़ती हूँ और जो रोज जीती हूँ superb....नए लेखकों को अच्छा साहित्य प्रदान करने का शुक्रिया...
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    खुशबू
    03 डिसेंबर 2015
    वीणा जी बहुत ही अच्छा लिखा है आपने और कुछ लाइन्स तो बिलकुल छू ही गई ...ज्यादा प्यार बर्दाश्त नहीं होता कितना सच लिखा है । लिखती रहिये यूँ ही । अनेको शुभकामनाये ।
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    sachindeo
    23 जानेवारी 2017
    Kuch samajh nahi aaya ek shaadi shuda aged lady aur young writer ke bich ye physical activity kya hona jaruri hai? apni rachnaon ko real banane ke liye ya kisi bhi wajah se justified nahi lag raha
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    22 डिसेंबर 2016
    ,मैं तुम्हारी तरह साहित्य नहीं पढ़ती .मैं रोज की जिन्दगी पढ़ती हूँ और जो रोज जीती हूँ superb....नए लेखकों को अच्छा साहित्य प्रदान करने का शुक्रिया...