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दवा

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दर्द गूंजता रहता है दिल के हर कोने में , की अब तो कोई दवा बनाओ "इश्क" के मर्ज की ...

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लेखक के बारे में
author
Sunny Kumar

मैं तो फूल हूं बहारों का मुझे सबसे उल्फत है हर कली मेरा दिल है हर दिल से मोहब्बत है

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dolagobinda Dash "Kanha"
    11 मई 2020
    Khub
  • author
    Tanuja
    11 मई 2020
    ये ओ मर्ज है जिसकी दवा सिर्फ़ दिलबर के पास होता है, जिसके मुस्कुराने से मुस्कुराता है दिल ,,जिसके उदास होने से तड़प जाता है दिल।
  • author
    Pradyumn Patel
    12 मई 2020
    वाह, क्या बात sir ji बहुत खूब इश्क़ मर्ज है, इश्क़ ही दवा।
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    Dolagobinda Dash "Kanha"
    11 मई 2020
    Khub
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    Tanuja
    11 मई 2020
    ये ओ मर्ज है जिसकी दवा सिर्फ़ दिलबर के पास होता है, जिसके मुस्कुराने से मुस्कुराता है दिल ,,जिसके उदास होने से तड़प जाता है दिल।
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    Pradyumn Patel
    12 मई 2020
    वाह, क्या बात sir ji बहुत खूब इश्क़ मर्ज है, इश्क़ ही दवा।