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दशानन

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यह रचना काल्पनिक नहीं है और ना ही मेरे द्वारा रचित ( स्वरचित ) है यह मैंने कहीं से पड़ी है लोग लंकापति रावण को अनीति, अनाचार, दंभ, काम, क्रोध, लोभ, अधर्म और बुराई का प्रतीक मानते हैं और उससे ...

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लेखक के बारे में
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Nidhi Sharma

उम्र गुज़र रही है तराजू के पलड़ों में.... | कभी रिश्ते भारी हो रहे हैं, तो कभी अरमान.

समीक्षा
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    Reena Singh "Aarti"
    12 अप्रैल 2022
    अति उत्तम रचना
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    Reena Singh "Aarti"
    12 अप्रैल 2022
    अति उत्तम रचना