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दर्पण की आँखे

4.2
225

"दर्पण

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लेखक के बारे में

,"ज़िंदगी के रंग साहित्य के संग"www.jadoncom.com https://youtu.be/pxZLipPP1X8 मैं कल़म से मुझसे कल़म नहीं! ईश्वर की कृपा दृष्टि जिस पर पढ़ती तब एक कवि,लेखक का जन्म होता हैं।मैं तुच्छ प्राणी में इतना सामर्थ कहाँ जो कुछ कल्पनाओं के अंकुर को रोपित कर वृक्ष बना सकूँ।प्राणी के हाव-भाव ,सुख -दुख का चिन्तन कर ह्रदय से भाव प्रकट हो तब सरस्वती माँ का आशीष से पोषित होते हैं।...और एक कवि, लेखक का उदय होंता हैं। रचनायें उपन्यास #दुर्भाग्य #पुर्जन्म #भंवर(जीवन का जाल) #कविता संग्रह(सिसकती धरा) यह सब रचनायें ई बुक में प्रकाशित है और किताब स्वरूप में कार्य चल रहा हैं। ग्राम:-बछेला तहसील:-सिरसागंज माता:-श्री मती रूपा देवी पिता:-श्री सतेन्द्र सिंह (ईश्वर पर श्रृद्धा ) पति:-अभिषेक (लेखक कलम को पथ दिखाकर संसार से परिचय कराया) अध्ययन:-स्नातकोत्तर(भूगोल) बी एड़ आप सब से निवेदन है कि आप सब ऐसे ही कृपा दृष्टि बनायें रखें...पाठ़क ही लिखने के लिए ऊर्जा प्रेरित हैं। भूल-चूक के लिए क्षमा।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Naveen Pawar
    22 जनवरी 2022
    आदरणीया महोदया जी आपकी कवितावली बहुत खुबसुरत होती है उपयुक्तता लफ्ज दिल की गहराई मे अमिट छाप छोड जाते है
  • author
    उत्तम कुमार
    13 अप्रैल 2017
    कहानी कहा है देवी जी ?
  • author
    Vikkey Uikey
    05 सितम्बर 2019
    very well lines
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    Naveen Pawar
    22 जनवरी 2022
    आदरणीया महोदया जी आपकी कवितावली बहुत खुबसुरत होती है उपयुक्तता लफ्ज दिल की गहराई मे अमिट छाप छोड जाते है
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    उत्तम कुमार
    13 अप्रैल 2017
    कहानी कहा है देवी जी ?
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    Vikkey Uikey
    05 सितम्बर 2019
    very well lines