,"ज़िंदगी के रंग साहित्य के संग"www.jadoncom.com
https://youtu.be/pxZLipPP1X8
मैं कल़म से मुझसे कल़म नहीं! ईश्वर की कृपा दृष्टि जिस पर पढ़ती तब एक कवि,लेखक का जन्म होता हैं।मैं तुच्छ प्राणी में इतना सामर्थ कहाँ जो कुछ कल्पनाओं के अंकुर को रोपित कर वृक्ष बना सकूँ।प्राणी के हाव-भाव ,सुख -दुख का चिन्तन कर ह्रदय से भाव प्रकट हो तब सरस्वती माँ का आशीष से पोषित होते हैं।...और एक कवि, लेखक का उदय होंता हैं।
रचनायें
उपन्यास
#दुर्भाग्य
#पुर्जन्म
#भंवर(जीवन का जाल)
#कविता संग्रह(सिसकती धरा)
यह सब रचनायें ई बुक में प्रकाशित है और किताब स्वरूप में कार्य चल रहा हैं।
ग्राम:-बछेला
तहसील:-सिरसागंज
माता:-श्री मती रूपा देवी
पिता:-श्री सतेन्द्र सिंह (ईश्वर पर श्रृद्धा )
पति:-अभिषेक (लेखक कलम को पथ दिखाकर संसार से परिचय कराया)
अध्ययन:-स्नातकोत्तर(भूगोल) बी एड़
आप सब से निवेदन है कि आप सब ऐसे ही कृपा दृष्टि बनायें रखें...पाठ़क ही लिखने के लिए ऊर्जा प्रेरित हैं।
भूल-चूक के लिए क्षमा।
रिपोर्ट की समस्या
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