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" दर्पण बता ???? बचपन कहाँ " " बचपन की बारिश और कागज की नाव "

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" दर्पण बता ???? बचपन कहाँ " " बचपन की बारिश और कागज की नाव " रिमझिम के सर का दर्द बढ़ता ही जा रहा था...उसे पता था खुशियों की उम्र छोटी होती है...पर इतनी ज्यादा छोटी होती है..उसे यह बिल्कुल नहीं ...

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लेखक के बारे में

नाम :- नेहा अग्रवाल नेह जन्म :- 19 अप्रैल शिक्षा :- एम .एस.सी ( रसायनशास्त्र ) लेखन विधा :- लघुकथा ,कहानी ,कविता,व्यंग्य,पत्र,लेख दैनिक भास्कर मधुरिमा , दैनिक जागरण , साहित्य अमृत, मृगमरीचिका, साधव्यूज, साहित्य सरोज ,परतों की पड़ताल , लोकजंग ,दैनिक अकुंर , नवप्रदेश ,अट्टहास , दैनिक मैट्रो ,साफ्ताहिक अकोदिया सम्राट ,प्रतिलिपि ,योर कोट्स ,मातृ भारती ,स्टोरी मिरर, हिन्दी रचना संसार , हैक जिन्दगी , साहित्यपीडिया , किस्सा कृति , सत्य की मशाल ,आगमन ,गृहलक्ष्मी , पर रचनाएं प्रकाशित प्रकाशित कृतियाँँ :- बूँद - बूँद सागर ( लघुकथा संग्रह ) , फलक ( लघुकथा संग्रह ),अपने अपने क्षितिज ( लघुकथा संग्रह ),काव्य सुरभि ( काव्य संग्रह ) सम्पादित कृति :- स्वप्नगंधा काव्य संग्रह फोन :- 9410405901 ईमेल:- [email protected]

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    सुमन कुमावत
    11 अक्टूबर 2020
    बहुत ही खुबसुरती से शब्दो में पिरोकर शुरू से अंत तक बाँधे रखने वाली कहानी..👌👌
  • author
    Bhinder Singh "Bhinder"
    16 जुलाई 2020
    bahut khoobsoorat mam👌👌👌✍✍✍
  • author
    Kiran Kour "Kiran Kour"
    25 फ़रवरी 2021
    अति सुंदर रचना
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  • author
    सुमन कुमावत
    11 अक्टूबर 2020
    बहुत ही खुबसुरती से शब्दो में पिरोकर शुरू से अंत तक बाँधे रखने वाली कहानी..👌👌
  • author
    Bhinder Singh "Bhinder"
    16 जुलाई 2020
    bahut khoobsoorat mam👌👌👌✍✍✍
  • author
    Kiran Kour "Kiran Kour"
    25 फ़रवरी 2021
    अति सुंदर रचना