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दरिया किनारे

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मन के रेगिस्तान में क्या तलाशते हो तुम वीरान सा खंडहर है, गुम हो जाओगे तुम मैंने तो प्यास में गुजारी है सारी ज़िन्दगी और दरिया किनारे घर बना बैठे हुए तुम मेरे चाहतों को कभी समझे ही कहां तुम तुम्हारी ...

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लेखक के बारे में
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Neelam Neel
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    03 अक्टूबर 2020
    बहुत ही गहरे अनुभव वाली रचना.
  • author
    Toshmani 😊😊
    29 सितम्बर 2020
    वाह ,,बेहद खूबसूरत भाव..💐💐🌹🌹👌👌
  • author
    Pandey Jitendra "Jeet"
    29 सितम्बर 2020
    बेहतरीन ज़ज्बातों की बानगी 👌👌
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    03 अक्टूबर 2020
    बहुत ही गहरे अनुभव वाली रचना.
  • author
    Toshmani 😊😊
    29 सितम्बर 2020
    वाह ,,बेहद खूबसूरत भाव..💐💐🌹🌹👌👌
  • author
    Pandey Jitendra "Jeet"
    29 सितम्बर 2020
    बेहतरीन ज़ज्बातों की बानगी 👌👌