पर्दा जितना भी करूँ उतना उभर आता है। दर्द दिल का इन आँखों में नज़र आता है।। एक उम्मीद ले मैं बैठा था बड़ी मुद्दत से। सांझ के बाद ही सुबहो का पहर आता है।। सब जिसे कहते ग़ज़ल है वो मेरा हाले दिल। मुझको न ...
पर्दा जितना भी करूँ उतना उभर आता है। दर्द दिल का इन आँखों में नज़र आता है।। एक उम्मीद ले मैं बैठा था बड़ी मुद्दत से। सांझ के बाद ही सुबहो का पहर आता है।। सब जिसे कहते ग़ज़ल है वो मेरा हाले दिल। मुझको न ...