वाह रे कागज का टुकड़ा l तू कितना बड़ा महान है ll तेरे खातिर अब हर कोई l इंसान नहीं हैवान हैं ll तुझको पाने की सबने l मन में ऐसे ठानी हैं ll तेरे खातिर बहुत यहां पर l करते खीचा तानी हैं ll तेरे खातिर ...
शानदार उपलब्धि है अभिनव ।।
जिस प्रकार से आपने इस समाज के हकीकत को अपने शब्दो में पिरोया है वो काबिले तारीफ़ है । मैं उम्मीद करता हूँ की हर वर्ग के लोग इसे पसंद करेंगे, इस भिन्नता, दहेज़ जैसे घिनौने अपराध को दूर करने में मदद मिलेगी ।।
अपने काव्य को ऐसे ही नयी दिशा प्रदान करते रहो जो समाज के हित में हो मेरे प्यारे भाई ।। यही मेरी शुभकामनायें है ।।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
शानदार उपलब्धि है अभिनव ।।
जिस प्रकार से आपने इस समाज के हकीकत को अपने शब्दो में पिरोया है वो काबिले तारीफ़ है । मैं उम्मीद करता हूँ की हर वर्ग के लोग इसे पसंद करेंगे, इस भिन्नता, दहेज़ जैसे घिनौने अपराध को दूर करने में मदद मिलेगी ।।
अपने काव्य को ऐसे ही नयी दिशा प्रदान करते रहो जो समाज के हित में हो मेरे प्यारे भाई ।। यही मेरी शुभकामनायें है ।।
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या