pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

दहेज अभिशाप

4.7
247

वाह रे कागज का टुकड़ा l तू कितना बड़ा महान है ll तेरे खातिर अब हर कोई l इंसान नहीं हैवान हैं ll तुझको पाने की सबने l मन में ऐसे ठानी हैं ll तेरे खातिर बहुत यहां पर l करते खीचा तानी हैं ll तेरे खातिर ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

** नाम - अभिनव कुमार त्रिपाठी ** पिता- श्री हुकुम चंद्र त्रिपाठी ** माता- श्रीमती (डॉ.) विजय लक्ष्मी त्रिपाठी ** ग्राम-मोहम्मदपुर राजा ** पोस्ट-इकौना ** तहसील- इकौना ** जिला-श्रावस्ती (उ.प्र.) ** पिन-271845  ** शैक्षिक योग्यता - परास्नातक व बी.पी.एड. और बी.टी.सी. ** ई.मेल- [email protected] ** फ़ोन- 8948112345

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Er Deepak Mishra
    22 മാര്‍ച്ച് 2017
    शानदार उपलब्धि है अभिनव ।। जिस प्रकार से आपने इस समाज के हकीकत को अपने शब्दो में पिरोया है वो काबिले तारीफ़ है । मैं उम्मीद करता हूँ की हर वर्ग के लोग इसे पसंद करेंगे, इस भिन्नता, दहेज़ जैसे घिनौने अपराध को दूर करने में मदद मिलेगी ।। अपने काव्य को ऐसे ही नयी दिशा प्रदान करते रहो जो समाज के हित में हो मेरे प्यारे भाई ।। यही मेरी शुभकामनायें है ।।
  • author
    ashutosh baranwal
    22 മാര്‍ച്ച് 2017
    Kya bat khi h tune yara chhot lagi jajbat ko.... Ab v aankh ni khuli to to lanat h us bap ko.... Mast bhai....
  • author
    aditya dwivedi
    22 മാര്‍ച്ച് 2017
    Suprb lines nd very true... Totaly awesome
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Er Deepak Mishra
    22 മാര്‍ച്ച് 2017
    शानदार उपलब्धि है अभिनव ।। जिस प्रकार से आपने इस समाज के हकीकत को अपने शब्दो में पिरोया है वो काबिले तारीफ़ है । मैं उम्मीद करता हूँ की हर वर्ग के लोग इसे पसंद करेंगे, इस भिन्नता, दहेज़ जैसे घिनौने अपराध को दूर करने में मदद मिलेगी ।। अपने काव्य को ऐसे ही नयी दिशा प्रदान करते रहो जो समाज के हित में हो मेरे प्यारे भाई ।। यही मेरी शुभकामनायें है ।।
  • author
    ashutosh baranwal
    22 മാര്‍ച്ച് 2017
    Kya bat khi h tune yara chhot lagi jajbat ko.... Ab v aankh ni khuli to to lanat h us bap ko.... Mast bhai....
  • author
    aditya dwivedi
    22 മാര്‍ച്ച് 2017
    Suprb lines nd very true... Totaly awesome