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दादाजी की छड़ी

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सबको खबर थी कि दादाजी का छड़ी के प्रति अतिरिक्त मोह है।कोई भी छड़ी इधर उधर करता नहीं कि  छड़ी मोह में वो किसी को भी डाँट लगा देते । कुछ सालों पहले यह सुंदर छड़ी उनके किसी मित्र ने भेंट की थी।उन्हें ...

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लेखक के बारे में
author
vandana choubey

' शिक्षा-परास्नातक हिन्दी,नेट/जेआरएफ (हिंदी) सम्मान- हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से सम्मानित रचनाएं-लघु कथाएं -बेईमान,होशियारी (दैनिक जागरण में छपी हैं।) कविता-मानव बनो, दैनिक जागरण आदिता ,सांझ काव्य संग्रह में पांच रचनाएं । सम्प्रति -अध्यापन एवं लेखन। "🌹 मंजिल पाने की जिद नहीं, मेरा सफर ही इतना खूबसूरत हैं।🌹 "🙏क्या मांगू ईश्वर से अब ,जितना मिला उम्मीद से ज्यादा मिला ।ईश्वर की वंदना हूँ वो दूर कहाँ मुझसे🙏 लेखक की खासियत यह है कि ये कभी रिटायर्ड नहीं होते तो लिखते रहें करवां आगे बढ़ता रहे। नववर्ष मंगलमय हो।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

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  • author
    Vijay Kumar
    05 जनवरी 2025
    जीवन का भी शायद यही सार है जब अपनों का अपनापन और साथ, साथ हो तो उम्र के किसी भी मोड़ पर हमें और किसी के साथ की जरूरत नहीं होती, रिश्तों और अपनों के महत्व को दर्शाती भावपूर्ण लेखन।
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    Vijay Kumar
    05 जनवरी 2025
    जीवन का भी शायद यही सार है जब अपनों का अपनापन और साथ, साथ हो तो उम्र के किसी भी मोड़ पर हमें और किसी के साथ की जरूरत नहीं होती, रिश्तों और अपनों के महत्व को दर्शाती भावपूर्ण लेखन।