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दादाजी की आराम कुर्सी

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दादाजी की आराम कुर्सी दादा जी को शानदार कुर्सियों का शौक था। जिस कुर्सी पर बैठते थे वह एक आराम कुर्सी थी। आराम कुर्सी मतलब ऐसी कुर्सी, जिस पर बैठकर सोया जा सकता था। और इसमें आगे की ओर दो हैंडल लगे ...

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लेखक के बारे में
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मुकेश आनंद

मानव मन की छुपी भावनाओं को व्यक्त करने का प्रयास। साधारण शब्दों में असाधारण कहने का प्रयास। लेखन में बचपन से रूचि, कविता और कहानी में वास्तविक जीवन में घटी घटनाओं पर आधारित लेखन। हिंदी, अंग्रेजी और मैथिली में लेखन। तीन किताबें प्रकाशित।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr. Sunil Kr. Mishra
    25 अगस्त 2021
    बहुत सुन्दर लेखन आपका सर, ये सारी चीजें धीरे धीरे विलुप्त हो गईं है। बहुत पुरानी याद दिलाई आपने मेरे भी घर में आराम कुर्सी हुआ करती थी।बचपन में बहुत उपयोग किया गया। बहुत शानदार प्रस्तुति आपकी।
  • author
    Gaurov PS Chauhan "Gpsc"
    28 अगस्त 2021
    😊😊😊😊 दादा जी ने कितनी मेहनत से वो रुतबा कमाया होगा पप्पू को लगा कुर्सी पर बैठ कर मिल जायेगा।।👌
  • author
    Kiran Sharma
    25 अगस्त 2021
    वाह शानदार 👌👌👏👏👏👏👏
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  • कुल टिप्पणी
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    Dr. Sunil Kr. Mishra
    25 अगस्त 2021
    बहुत सुन्दर लेखन आपका सर, ये सारी चीजें धीरे धीरे विलुप्त हो गईं है। बहुत पुरानी याद दिलाई आपने मेरे भी घर में आराम कुर्सी हुआ करती थी।बचपन में बहुत उपयोग किया गया। बहुत शानदार प्रस्तुति आपकी।
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    Gaurov PS Chauhan "Gpsc"
    28 अगस्त 2021
    😊😊😊😊 दादा जी ने कितनी मेहनत से वो रुतबा कमाया होगा पप्पू को लगा कुर्सी पर बैठ कर मिल जायेगा।।👌
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    Kiran Sharma
    25 अगस्त 2021
    वाह शानदार 👌👌👏👏👏👏👏