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दादाजी

4.5
15326

उनकी उम्र लगभग ६५ साल थी तब. मैं ७ साल का था और उनका सबसे बड़ा चापलूस था. वो एक रिटायर्ड क्लास २ अधिकारी थे और मैं क्लास २ में था. हममें खूब छनती थी. मैं एक काम का आदमी था.जब भी नुक्कड़ की दूकान से ...

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लेखक के बारे में
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शशांक भारतीय

अपने और अपने आसपास के बीते हुवे पलों को कहानी और कविताओं का रूप देने की एक अदना कोशिश करता हूँ. अब तक के खुद को उपन्यास "dehaati ladke" में पूरा उतार दिया है. बाकी का मैं बन रहा हूँ...

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anuj Tripathi
    21 फ़रवरी 2019
    सुंदर रचना.. कुछ बाते खुद की लगी.. मुस्कुराहट के साथ समाप्त हुई..
  • author
    23 अप्रैल 2018
    शशांक भाई बहुत ही उम्दा शैली में आपने लिखा है लगातार पढ़ने को मजबूर कर दिया।पूरी तस्वीर/फिल्म आंखों के सामने चली जब तक कहानी पढ़ी। पुनः अति उत्तम लिखते रहो
  • author
    Amit Kumar
    31 अक्टूबर 2017
    awesome
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    Anuj Tripathi
    21 फ़रवरी 2019
    सुंदर रचना.. कुछ बाते खुद की लगी.. मुस्कुराहट के साथ समाप्त हुई..
  • author
    23 अप्रैल 2018
    शशांक भाई बहुत ही उम्दा शैली में आपने लिखा है लगातार पढ़ने को मजबूर कर दिया।पूरी तस्वीर/फिल्म आंखों के सामने चली जब तक कहानी पढ़ी। पुनः अति उत्तम लिखते रहो
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    Amit Kumar
    31 अक्टूबर 2017
    awesome