उनकी उम्र लगभग ६५ साल थी तब. मैं ७ साल का था और उनका सबसे बड़ा चापलूस था. वो एक रिटायर्ड क्लास २ अधिकारी थे और मैं क्लास २ में था. हममें खूब छनती थी. मैं एक काम का आदमी था.जब भी नुक्कड़ की दूकान से ...
अपने और अपने आसपास के बीते हुवे पलों को कहानी और कविताओं का रूप देने की एक अदना कोशिश करता हूँ. अब तक के खुद को उपन्यास "dehaati ladke" में पूरा उतार दिया है. बाकी का मैं बन रहा हूँ...
सारांश
अपने और अपने आसपास के बीते हुवे पलों को कहानी और कविताओं का रूप देने की एक अदना कोशिश करता हूँ. अब तक के खुद को उपन्यास "dehaati ladke" में पूरा उतार दिया है. बाकी का मैं बन रहा हूँ...
शशांक भाई बहुत ही उम्दा शैली में आपने लिखा है लगातार पढ़ने को मजबूर कर दिया।पूरी तस्वीर/फिल्म आंखों के सामने चली जब तक कहानी पढ़ी।
पुनः अति उत्तम
लिखते रहो
रिपोर्ट की समस्या
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शशांक भाई बहुत ही उम्दा शैली में आपने लिखा है लगातार पढ़ने को मजबूर कर दिया।पूरी तस्वीर/फिल्म आंखों के सामने चली जब तक कहानी पढ़ी।
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