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दादा

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।।दादा ।। जो हर बात पर टोके , कामयाबी पर झूमें ।                        जो पास बैठकर पढाए,                  अनेको कहानी सुनाये। बाहर मत जा , आ बैठ जा । खाना खाया या नहीं? ...

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लेखक के बारे में
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Gordhan Lal

गोरधन भटनागर ( यहाँ काम नहीं कलम बोलती हैं ।)

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Krishan Jaat Rajasthani
    06 मई 2020
    bahut khoob sundor likha hai aapne 💯👌💪👏👌👍👏
  • author
    Karishma Shrivastava
    06 मई 2020
    बहुत बढ़िया लिखा.. आई मिस यू दादा....😔
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  • author
    Krishan Jaat Rajasthani
    06 मई 2020
    bahut khoob sundor likha hai aapne 💯👌💪👏👌👍👏
  • author
    Karishma Shrivastava
    06 मई 2020
    बहुत बढ़िया लिखा.. आई मिस यू दादा....😔