कोर्ट रूम में सन्नाटा सा छा गया।उस सन्नाटे को यदि कोई आवाज़ तोड़ रही थी तो वो थी उसके रुदन और सिसकियों की। बयान देते देते वो फूट फूट कर रो पड़ा।उसके हर शब्द से उसकी बेबसी,उसका आक्रोश उसकी पीड़ा छलक ...
कोर्ट रूम में सन्नाटा सा छा गया।उस सन्नाटे को यदि कोई आवाज़ तोड़ रही थी तो वो थी उसके रुदन और सिसकियों की। बयान देते देते वो फूट फूट कर रो पड़ा।उसके हर शब्द से उसकी बेबसी,उसका आक्रोश उसकी पीड़ा छलक ...