चूहों का नाम सुनकर रोहित चौंक गया और उसे रात ट्रेफिक हवालदार के साथ हुई सारी बातें याद आ गई ......... उसने तुरंत बीवी से पूछा - कल तुमने चार चूहे रखे तो थे फेंकने के लिए डिग्गी में? बीवी- ...
सरल, सौम्य, ज़िन्दगी के करीब, प्रकृति को ईश्वर का स्थान दिया है इसलिए प्रकृति से बहुत प्रेम है इसलिए प्रकृति की हर रचना से प्रेम है फिर वो चाहे सजीव हो या निर्जीव।
जिंदगी का हर पल जीती हूँ और कुछ न कुछ सीखती हूँ I जिंदगी से बढ़कर कोई शिक्षक नहीं और सबसे बड़ी बात ये शिक्षक हमें पूरी आज़ादी देता है I
सारांश
सरल, सौम्य, ज़िन्दगी के करीब, प्रकृति को ईश्वर का स्थान दिया है इसलिए प्रकृति से बहुत प्रेम है इसलिए प्रकृति की हर रचना से प्रेम है फिर वो चाहे सजीव हो या निर्जीव।
जिंदगी का हर पल जीती हूँ और कुछ न कुछ सीखती हूँ I जिंदगी से बढ़कर कोई शिक्षक नहीं और सबसे बड़ी बात ये शिक्षक हमें पूरी आज़ादी देता है I
अच्छी कहानी,
मेने भी एक कोशिश की हैं, "शाश्वत सत्य- भविष्यकाल या भूतकाल बदल नही सकते", अपनी राय अवश्य दिजीये।
नई नई की कोशिश हैं और नया नया ये प्रयास हैं,
मेरी किमत एक "बूंद" जितनी हैं, ये मुझे अहसास हैं,
चाहू आशीर्वाद और बटोर लू कुछ ज्ञान आप लोगो से,
बस इतनी ही चाह हैं और इतनी ही आस हैं 🙏
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मेने भी एक कोशिश की हैं, "शाश्वत सत्य- भविष्यकाल या भूतकाल बदल नही सकते", अपनी राय अवश्य दिजीये।
नई नई की कोशिश हैं और नया नया ये प्रयास हैं,
मेरी किमत एक "बूंद" जितनी हैं, ये मुझे अहसास हैं,
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