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चुभन

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पुरानी साड़ी के बदले बर्तन के लिये मोलभाव करती एक संपन्न घर की महिला ने अंत मे दो साड़ी के बदले एक टब पसंद किया..नहीं दीदी बदले मे तीन साड़ी से कम नहीं लूँगा "बर्तन वाले ने  टब अपने हाथ मे लेते हुए ...

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लेखक के बारे में

mai manu Giri Goswami I am teacher gola gokran nath district kheri Lakhimpur up se belong karti hun mujhe pratilipi ki story read karna and likhna bahut pasand h h aur treval karna .songs sunna. kooking karna sad.logo.se close.rahna unse.baaten karna "kabhi..2 zindagi is tarh lagne lagti hai jaise jivan ke sare rang hi chale gye ho aur aise waqt par inshan ko apni aatma ki pahchan hoti hai samajh aa jata hai koi kisi.ka nhi sab khokhle rishte hai aur aatma sirf akeli hai akeli hi aai thi akeli hi jayegi ,!!!

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mani
    13 अप्रैल 2025
    साफ नीयत और स्वच्छ मन 💕 से ही होता है, मायने नहीं रखता, कि आप कितने पैसे वाले हो, वह पैसे आपके हैं, दूसरों को सुख नहीं है, अगर किसी की मदद करते हो, 👍 तब वह पैसे का मोल है, बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति आपकी,🌹🌹🌹🌹🌹🌹🤗🌹🌹🌹✍️✍️✍️✍️✍️👌👌👌👌
  • author
    19 अप्रैल 2025
    सबक देती कहानी बेहतरीन लगी।
  • author
    kanhaiya khatri (. K. K .)
    16 अप्रैल 2025
    वाह लाजवाब वाह 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
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    Mani
    13 अप्रैल 2025
    साफ नीयत और स्वच्छ मन 💕 से ही होता है, मायने नहीं रखता, कि आप कितने पैसे वाले हो, वह पैसे आपके हैं, दूसरों को सुख नहीं है, अगर किसी की मदद करते हो, 👍 तब वह पैसे का मोल है, बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति आपकी,🌹🌹🌹🌹🌹🌹🤗🌹🌹🌹✍️✍️✍️✍️✍️👌👌👌👌
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    19 अप्रैल 2025
    सबक देती कहानी बेहतरीन लगी।
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    kanhaiya khatri (. K. K .)
    16 अप्रैल 2025
    वाह लाजवाब वाह 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌