"छूकर मेरे मन को, गढ़ी थी तूने चाहत ऐसी; ख़ामोशी भी बयां होती, मेरे समक्ष अल्फ़ाज़ जैसी। पर था वक़्त को शायद, हमारा मिलना मंजूर नहीं; तभी तो ले गया बहाकर, हमें एक-दूसरे से दूर कहीं। खो गए हम कहाँ, ...
"जज़्बात, एहसास, अरमान और कल्पनाओं को,
अल्फ़ाज़ों में पिरोकर लिखती हूँ।
प्रतिलिपि के सभी साथियों से,
प्रोत्साहन और सराहना चाहती हूँ।।"
🙏🙏
"लिखने से मुझे ख़ुशी मिलती ख़ुशियाँ लिखूँ अपार,
पहुँच भी पाती है क्या सबके हृदय तक मेरे शब्दों की झंकार।
दिल से लिखती हूँ मैं भी कोशिश रहती है बरकरार,
लेखन मेरी साधना है इसे बस सबकी रूह तक दूँ उतार।।"
सारांश
"जज़्बात, एहसास, अरमान और कल्पनाओं को,
अल्फ़ाज़ों में पिरोकर लिखती हूँ।
प्रतिलिपि के सभी साथियों से,
प्रोत्साहन और सराहना चाहती हूँ।।"
🙏🙏
"लिखने से मुझे ख़ुशी मिलती ख़ुशियाँ लिखूँ अपार,
पहुँच भी पाती है क्या सबके हृदय तक मेरे शब्दों की झंकार।
दिल से लिखती हूँ मैं भी कोशिश रहती है बरकरार,
लेखन मेरी साधना है इसे बस सबकी रूह तक दूँ उतार।।"
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या