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छोटी आंखें बड़े ख्वाब

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ख्वाब बड़े और ज़िन्दगी और भी बड़ी...जियो खुल के

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लेखक के बारे में

मैं जब चलूं, रास्ते चल पड़ें मैं जब रुकूं, वक़्त ही रुक जाए छूना चाहूं मैं जब भी चांद को ये जमीं कुछ उठे, आसमां झुक जाए ।।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sneha
    19 जुलाई 2019
    whaa bahut khoob 👌👌
  • author
    Aditi Tandon
    19 जुलाई 2019
    ये तो पते की बात है 👌👌👌
  • author
    Nita Shukla Dubey "Nitu"
    19 जुलाई 2019
    बहुत सही कहा ..👌👌
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  • author
    Sneha
    19 जुलाई 2019
    whaa bahut khoob 👌👌
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    Aditi Tandon
    19 जुलाई 2019
    ये तो पते की बात है 👌👌👌
  • author
    Nita Shukla Dubey "Nitu"
    19 जुलाई 2019
    बहुत सही कहा ..👌👌