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छोड़ी दिल में न गुंजाइश कोई

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छोड़ी दिल में न गुंजाइश कोई | अब रखे कहाँ पे ख़्वाहिश कोई | ये इश्क़-ओ-मुहब्बत इक गहराई कर सका नहीं पैमाइश कोई । बाद तिरे जाने के, दिल, जैसे यादों की एक रिहाइश कोई | ये इश्क़ का जादू, है ही ऐसा न काम ...

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एक बार अवश्य देखें https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1404743079641575

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    प्रिया सिंह "Life🧬"
    06 सितम्बर 2017
    nice
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    28 अप्रैल 2023
    बहुत ही हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति । हार्दिक साधुवाद
  • author
    प्रेम शंकर झा
    21 दिसम्बर 2019
    👌👌👌👌
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    प्रिया सिंह "Life🧬"
    06 सितम्बर 2017
    nice
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    अरविन्द सिन्हा
    28 अप्रैल 2023
    बहुत ही हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति । हार्दिक साधुवाद
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    प्रेम शंकर झा
    21 दिसम्बर 2019
    👌👌👌👌